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________________ वीर निर्वाण संवत् और जैन काल गणना समय व्यतीत हो चुका था, उस समय फिर वलभी नगर में देवद्धिगणि क्षमाश्रमण की अध्यक्षता में श्रमणसंघ इकट्ठा हुआ, और पूर्वोक्त दोनों वाचनाओं के समय लिखे गए सिद्धांतों के उपरांत जो जो ग्रंथ, प्रकरण मौजूद थे उन सबको लिखाकर सुरक्षित करने का निश्चय किया । इस श्रमण समवसरण में दोनों वाचनाओं के सिद्धांतों का परस्पर समन्वय किया गया, और जहाँ तक हो सका भेद-भाव मिटाकर उन्हें एकरूप कर दिया, और जो जो महत्त्वपूर्ण भेद थे उन्हें पाठांतर के रूप में टीका - चूर्णियों में संगृहीत किया । कितनेक प्रकीर्णक ग्रंथ जो केवल एक "दुर्भिक्षे स्कंदिलाचार्यदेवर्द्धिगणिवारके । गणना भावतः साधुसाध्वीनां विस्मृतं श्रुतम् ॥ वीर - ८ ततः सुभिक्षे संजाते संघस्य मेलकोऽभवत् । वलभ्यां मथुरायां च सूत्रार्थघटनाकृते ॥ वलभ्यां संगते संघे देवर्द्धिगणिरग्रणीः । मथुरायां संगते च स्कंदिलार्योऽग्रणीरभूत् ॥ ततश्च वाचनाभेदस्तत्र जातः क्वचित् क्वचित् । विस्मृतस्मरणे भेदो जातु स्यादुभयोरपि । तत्तैस्ततोऽर्वाचीनैश्च गीतार्थैः पापभीरुभिः । मतद्वयं तुल्यतया कक्षीकृतमनिर्णयात् ॥" ११३ - लोकप्रकाश । उपाध्यायजी के कथन का तात्पर्य वही है जो कथावली में भद्रेश्वर सूरि ने और ज्योतिष्करण्डक टीका में मलयगिरिजी ने कहा है, पर उपाध्यायजी का यह कथन कि 'वालभ्य संघ के अग्रेसर देवर्द्धिगणि थे' बिल्कुल निराधार है । उपर्युक्त ग्रंथों के कथन से यह बात निर्विवाद सिद्ध है कि स्कंदिलाचार्य के समय में वलभी में मिले हुए संघ के प्रमुख आचार्य नागार्जुन थे और उनकी दी हुई वाचना ही 'वालभी वाचना' कहलाती है । देवर्द्धिगणि की प्रमुखता में भी वलभी में जैन श्रमणसंघ इकट्ठा हुआ था यह बात सही है, पर उस समय वाचना नहीं हुई, पर पूर्वोक्त दोनों वाचनागत सिद्धांतों का समन्वय करने के उपरांत वे लिखे गए थे, इसी लिये हम इस कार्य को देवर्द्धिगणि की वाचना न कहकर 'पुस्तकलेखन' कहते हैं । इस विषय का विशेष स्पष्टीकरण आगे किसी टिप्पणी में किया जायगा । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002752
Book TitleVir Nirvan Samvat aur Jain Kal Ganana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKalyanvijay Gani
PublisherShardaben Chimanbhai Educational Research Centre
Publication Year2000
Total Pages204
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size8 MB
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