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धर्मरसायन
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सिंहासणछत्तत्तय सिंहासणट्ठियस्सहु सीउण्हंजलवरिसं सुक्को विजिज्झकंठो सुमणुसहिए वल्लह सो एवं अच्छंतो सो एवंणासंतो सो एवं बुडतो सो एवं विलवंतो सो मज्झ वंदणीओ सोहंतिताईणिचं
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हरिहरबह्मणो वि हेमंते धिदिमंता होऊण परमदेवो
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