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प्रकाशक की ओर से
पहली बार 'महावीर वाणी ' सस्ता साहित्य मंडल, नई दिल्ली की ओरसे जनवरी सन् १९४२ में प्रकाशित हुई थी । उसके बाद महामण्डल की ओर से, सुगणाबाई ग्रन्थमाला के अन्तर्गत ही, इसका केवल हिन्दी अनुवाद - अंश प्रकाशित किया और प्रायः अमूल्य ही वह वितरित हुआ ।
अब यह पुस्तक अपने पूर्व और पूर्ण रूप में सम्पादक और प्रकाशक की अनुमतिपूर्वक प्रकाशित की जा रही हैयह हमारे लिये प्रसन्नता की बात है ।
इस महंगाई में भी मूल्य में अधिक वृद्धि नहीं की गई है । हम चाहते हैं कि इस 'वाणी' का घर -घर में प्रचार हो । सुगणाबाई- ग्रन्थमाला श्री. चिरंजीलाल जी बड़जाते की माँ की स्मृति में चल रही है और यह उसका चौथा पुष्प है । इसकी बिक्री से प्राप्त होनेवाली रकम से यथा-शक्ति दूसरे प्रकाशन भी भेंट किए जा सकेंगे ।
आशा है, इस पुस्तक का समाजमें यथोचित आदर और उपयोग होगा । दृष्टि-दोष से यदि कुछ अशुद्धियाँ रह गई हों तो कृपया पाठक सुधार लें ।
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पन्ना भुवन, भुसावल वीर जयन्ती, २४७६ ता० ३१ मार्च १९५०
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फकीरचन्द पन्० जैन प्रबन्ध मंत्री भारत जैन महामण्डल
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