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अशुद्ध
चतुरंगी जातिमद निवारण अर्हन्तकी
धम-सूत्र
सव्वं दिस्स, भयवेराओ
सम्यक्ज्ञान
सबी
एवं
दुक्वरं
कर्म
वि
स्त्रियोंका
स्वादिष्ट
पाणिहाणवं
श्रृंगार
श्रृंगारी
बंभयारि
आशक्ति का
सपिं एयं
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[ १८९ ]
शुद्ध
चतुरंगीय जातिमदनिवारणसूत्र अर्हन्तोकी धर्मसूत्र
सव्वं, दिस्स
भय-वेराओ
सम्यग्ज्ञान
सभी
एवं
दुक्करं
मर्म -
पि
स्त्रियोंका
स्वादिष्ठ
पणिहाणवं
शृंगार
शंगारी
( विषयसूची)
""
( मंगलसूत्र - शरण )
पृ० ११
गा० १६
""
गा० १७ (अनुवाद) (",)
""
गा० १८
गा० २१
गा० २४ (अनुवाद)
गा० ३१
गा० ४१ (अनुवाद)
गा० ४१ (,, )
गा० ५४
गा० ५२
""
बंभयारिं
गा० ५६
आसक्ति का गा० ५८
गा० ६०
सप्पिं एवं
गा० ६७
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