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महावीर वाणीके पद्योंकी अक्षरानुक्रमणिका
पद्यका आदिवाक्य
अभिक्खणं
अभिभूय
अरई गण्ड
अलोल भिक्खू
पद्यका आदिवाक्य अइ कालो
अज्झत्थं सव्वओ
अट्ठ पवयण
अणसण
अणाइकाल
अत्थंगयम्मि
-
अदंसणं चेव
अधुवं जीवियं
अन्नायउंछं
अप्पणट्ठा
अप्पा कत्ता
अप्पा चेव
अप्पाणमेव
अप्पा नई
अप्पा खलु
अप्पं च अहिअबंभचरियं
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पद्यका अंक
१६०
१६
२४१
२३६
१४१
६४
४३
१६१
२४६
२२
२१२
२१३
२१६
२११
२२०
७७
३९
अलोलुए अक्कुहए
अलोलुयं
अवण्णवायं
अवि पावपरि-
असासए सरीरम्मि
असंखयं जीविय
अह अट्ठहिं
अह पन्नरसहिं
अह पंच
अहीणपंचेन्दियत्तं
अहे वयंति
अहिंस सच च अंगपचंगसंठाणं
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पद्यका अंक
८१
२७४
१२३
२७७
२५१
२६३
२५०
८२
१७३
९९
७३
७६
७२
११९
१४८
२
४६
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