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एषणीय- - शोधनीय - खोज करने लायक ——— जिनकी उत्पत्ति दूषित है या नहीं इस प्रकार गवेषणाके योग्य । औपपातिक — उपपात अर्थात् स्वर्ग में या नरकमें जन्म होना । औपपातिक का अर्थ हुआ स्वर्गीय प्राणी या नारकी प्राणी ।
कषाय - आत्माके शुद्ध स्वरूपको कष नाश करनेवाला, क्रोध, मान माया और लोभ ये चार महादोष । किंपाकफल – जो फल देखने में और स्वादमें सुन्दर होता है पर खानेसे प्राणका नाश करता है ।
केवली - केवलज्ञान वाला - सतत शुद्ध आत्म-निष्ठ । गुप्ति —गोपन करना - संरक्षण करना; मन, वचन और शरीरको दुष्ट कार्योंसे बचा लेना ।
तिर्यञ्च - देव, नरक और मनुष्यको छोड़कर शेष जीवोंका नाम ' तिर्यञ्च ' है । ।
स - धूपसे त्रास पाकर छाँहका और शीतसे त्रास पाकर धूपका आश्रय लेने वाला प्राणी त्रस ।
दर्शनावरणीय
दर्शन - शक्तिके आवरणरूप कर्म ।
नायपुत्त——- भगवान महावीरके वंशका नाम 'नाय - ज्ञात है
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