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समर्पण
मेरी अनन्त आस्था के केन्द्र मेरे संयमदाता, जीवन निर्माता मेरे उज्ज्वल भविष्य के मार्गदर्शक प्रशान्त गम्भीर, सरल एवं सहज स्वभावी परमोपकारी परम पूज्य गुरुदेव आचार्य श्रीमद् विजय जयन्तसेन सूरीश्वरजी म.सा. एवं मुझे अज्ञानान्धकार से निकालकर ज्ञानरूपी प्रकाश में लाने वाली जिनकी अंगुली पकड़कर मैंने संयम मार्ग पर चलना सीखा जिनका अल्प सान्निध्य मेरे स्मृतिकोश में धरोहर रूप सुरक्षित है जिनका दिव्य आशीर्वाद आज भी हर पल मेरा पथ प्रशस्त कर रहा है उन सरल स्वभावी साध्वीरत्ना दादीजी म. मम पू. गुरुवर्या सुसाध्वी श्री महाप्रभा श्रीजी म.सा. के चरणों में सविनय, सश्रद्धा, सभक्ति सादर समर्पित... ।
गुरु चरणोपासिका साध्वी प्रीतिदर्शनाश्री
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