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प्रयोग और परिणाम - १७९
और हजार पुटी अभ्रक में शक्ति का कितना अंतर है । जितनी पुटें होंगी, उतनी ही उसकी शक्ति बढ़ जाएगी । औषधियों के प्रकरण से भावना का बहुत बड़ा महत्त्व होता है । उसी प्रकार मन में भावना की पुट देने मे जो कार्य हम करेंगे उसमें दूसरा विकल्प बाधक नहीं बनेगा । अशांति क्यों है ? इसीलिए कि आप अधिकांश प्रतिक्रियात्मक जीवन जीते हैं । घटना कहीं घटित होती है, उसका असर आप पर होता है | बदल कहीं बरसते हैं, ठंडी हवा हमारे पर आती है। वर्षा और आतप का आकाश पर क्या असर पड़ता होगा? मनुष्य की चमड़ी पर उसका असर पड़ता है । यह सब परिस्थितियों के कारण होता है। मन की दुर्बलता के कारण एवं संकल्प-शक्ति के अभाव में ही यह स्थिति पैदा होती है। अनुप्रेक्षा : अभ्यास-क्रम
कायोत्सर्ग की मुद्रा में बैठकर किसी एक अनुप्रेक्षा का आलंबन लें । १. अनित्य अनुप्रेक्षा
यह शरीर पहले या पीछे एक दिन अवश्य ही छूट जाएगा । विनाश और विध्वंस इसका स्वभाव है । यह अध्रुव, अनित्व और अशाश्वत है । इसका उपचय और अपचय होता है | इसकी विविध अवस्थाएं होती हैं। शरीर की भांति अन्य पदार्थो की अनित्यता की भी अनुप्रेक्षा की जा सकती है । २. अशरण अनुप्रेक्षा
धन, पदार्थ और परिवार कोई भी त्राण नहीं बन सकता । अपना त्राण अपने में ही खोजा जा सकता है । ३. संसार अनुप्रेक्षा
जीव जन्म-मरण के चक्कर में फंसा हुआ है । वह कभी जन्म लेता है और कभी मरता है, कभी पशु होता है और कभी मनुष्य । परिवर्तन का चक्र चलता रहता है। ४. एकत्व अनुप्रेक्षा ___ मनुष्य अकेला जन्मता है और अकेला ही मरता है । संज्ञा, विज्ञान और वेदनाये सब व्यक्तिगत होते हैं ।
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