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वोंधः-पितृ प्रभृति शब्द विशेष्यवाचक हैं और दातृ प्रति शब्द विशेषणवाचक हैं । विशेष्यवाचक शब्दके अंत्य क के स्थानमें उ और अर का प्रयोग होता है ।जैसे:-पितृ-पिउ, और पिअर; जामातृ-जामाउ, जामायर । और विशेषणवाचक शब्दके स्थानमें उ और आरका प्रयोग होता है। जैसे:-दातृदाउ-दायार, कर्तृ-कत्त-कत्तार । ये दूसरे अकारान्त अंगके रूपाख्यान वीर के समान समझना । और उकारान्त अंगके रूपाख्यान भाणु के समान समझना ।
व्यंजनांत नाम (१) जो नाम मत् वत् और अत् को अंतमें लिये हुए हैं उनके अंतके अत् के स्थानमें प्राकृतमें अन्त का प्रयोग होता है और बादमें उनके रूप अकारान्त वीर की तरह चलते हैं। उदा. भगवत्-भगवन्त; भवत्-भवन्त; धीमत्-धीमन्त ।
(२) जिन नामोंके अंतमें अन् है उन नामोंके अंतके अन्का प्राकृतमें आण विकल्पसे हो जाता है और बादमें उसके रूपाख्यान अकारान्त वीर की तरह होते हैं । उदा राजन्-रायाण, राय; आत्मन्-अप्पाण, अप्पः पूषन्-पूसाण, पूस ।।
अन् अंसवाले शब्दोंके और भी अनियमित रूप होते हैं जो यहां दिये जाते हैं।
पूषन् १ पूसा (पूषा)
पूसाणो (पूषणः) २ पूसिगं (पूपणम्)
पूसाणो ( पूष्णः) ३ पूसणा (पूप्णा)
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