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प्रकाशकीय प्राकृत भाषा और साहित्य के विद्यार्थियों को पाठ्य-पुस्तके सुलभ कराने के उद्देश्य के पूर्तिरूप में यह चौथा ग्रन्थ 'उवासगदसाओ' जो कई विश्वविद्यालयों में निर्धारित है, प्रकाशित किया जा रहा है। छात्रों को अपने अध्ययन में यह ग्रन्थ सहायक होगा ऐसा हमारा विश्वास हैं।
इस ग्रन्थ के प्रकाशन में श्री लालभाई चिमनलाल शाह के सद्प्रयत्नों से श्री शाहपुर मङ्गलपारेख खांचा जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ, अहमदाबाद १ के ज्ञान फंड की ओर से रु. ५०१ की आर्थिक सहायता मिली है। एतदर्थ प्राकृत विद्या मण्डल उनका आभार मानता है। अन्य ट्रस्ट भी अपने ज्ञान-फंड का इस दिशा में उपयोग करेंगे ऐसी हमारी आशा है ।
इस ग्रन्थ का सम्पादन पं. बेघरदासजी दोशी ने किया है जो प्रा..वि. मण्डल के अध्यक्ष हैं। इसके लिए प्राकृत विद्या मण्डल उनका आभारी है। प्रफ संशोधन कार्य में डॉ. के. ऋषभ चन्द्र ने सहायता की है इसलिए उनका भी आभार मानते हैं । इस प्रथ का पहला फर्मा मङ्गल मुद्रणालय, रतन पोल और अन्य फर्मे रामानन्द प्रिन्टिङ्ग प्रेस ने छापे हैं इसके लिए उनके व्यवस्थापकों का भी आभार मानते हैं ।
मन्त्री ता. २६-१-६८
प्राकृत विद्या मण्डल
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