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________________ 88 Bibliography of Prakrit and Jaina Research 381. जैन, इन्दुराई (श्रीमती इन्दु रस्तौगी) आधुनिक जैन हिन्दी महाकाव्य लखनऊ, 1982, अप्रकाशित 382. जैन, उषा (ब्र०) हिन्दी साहित्य के विकास में जैन कवियों (1500 - 1700) का योगदान विक्रम, 1995, अप्रकाशित नि०- डा. हरिमोहन, बुधौलिया 383. जैन, कल्पना (कमारी) (लघु प्रबन्ध) आचार्य विद्यासागर का मूकमाटी महाकाव्य : एक अनुशीलन रीवां, 1990, अप्रकाशित नि०- डा० के० एल० जैन, टीकमगढ़ (म०प्र०) 384. जैन, किरण रीतिकालीन हिन्दी जैन का। जबलपुर, 1974, अप्रकाशित नि०- डा० महावीर सरन जैन, जबलपुर (म०प्र०) 385. जैन, कुसुमलता (श्रीमती) (लघु प्रबन्ध) बुधजन : बुधजन सतसई इन्दौर, 2002, अप्रकाशित नि०- डा० रमेश सोनी, इन्दौर 386. जैन, गोकुल प्रसाद हिन्दी जैन पद साहित्य : पन्द्रहवीं शताब्दी के प्रारम्भ से आधुनिक काल पर्यन्त आगरा, 1991, अप्रकाशित 387. जैन, चन्द्र कुमार आचार्य श्री विद्यासागर कृत मूकमाटी का सांस्कृतिक अनुशीलन रायपुर, 1998, अप्रकाशित नि०- डा० गणेश खरे, प्राचार्य शासकीय महाविद्यालय, धुमका (रायपुर) शा० दिग्विजिय महाविद्यालय, राजनादगांव 22/227 किलापारा, राजनादगांव (छत्तीसगढ़) 388. जैन, चन्द्र वीर अष्टछाप के कवियों की बिम्ब योजना आगरा, 1974, अप्रकाशित Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002731
Book TitlePrakrit evam Jainvidya Shodh Sandarbha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKapurchand Jain
PublisherKailashchandra Jain Smruti Nyas
Publication Year2004
Total Pages244
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size8 MB
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