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________________ प्राकृत एवं जैनविद्या : शोध- सन्दर्भ 171 जैन, संगीता (श्रीमती) अलंकार चिंतामणि का समीक्षात्मक एवं तुलनात्मक अध्ययन मेरठ, 1992, अप्रकाशित नि०- डा० जे० के० जैन 198, पटेल नगर, नई मण्डी, मुजफ्फरनगर 172. जैन, संस्कृति (कु०) जैन संस्कृत साहित्य में श्रीकृष्ण चरित्र - एक अध्ययन वनस्थली, 1993, अप्रकाशित नि०- डा० चन्द्रकिशोर गोस्वामी 173. जैन, सन्तोष कुमार उपमिति भव प्रपञ्च कथा- एक परिशीलन वाराणसी, 1989, अप्रकाशित नि०- डा० रामायण प्रसाद द्विवेदी, वाराणसी जैन हायर सैकेण्ड्री स्कूल, सीकर (राजस्थान) 174. जैन, सविता जयोदय और बृहत्त्रयी का तुलनात्मक अध्ययन भोपाल, 2000, अप्रकाशित नि०- डा० रतन चंद जैन, भोपाल एवं डा० गोपी हर्ष, शासकीय हमीदिया कालेज, भोपाल C/o श्री अनिल कु० जैन, विजय टाकीज रोड़, माता की मढिया के पीछे सागर (म०प्र०) 175. जैन, हरिश्चन्द्र वासिंह सूरि कृत क्षत्रचूड़ामणि का समीक्षात्मक अध्ययन सागर, 1992, अप्रकाशित नि०- डा० भागचन्द जैन, भागेन्दु 176. जैन, हर्ष कुमारी हेमचन्द्र के द्वयाश्रय महाकाव्य (कुमारपालचरित) का सांस्कृतिक एवं साहित्यिक अध्ययन आगरा, 1974, अप्रकाशित 177. जोशी, मंजू रानी (श्रीमती) वदीभसिंह कृत गद्यचिंतामणि का समीक्षात्मक अध्ययन 57 आगरा, 1979, अप्रकाशित नि०- डा० जयकिशन खण्डेलवाल, आगरा ( उ०प्र०) संस्कृत प्रवक्ता, आगरा कॉलेज, आगरा (उ०प्र०) For Private & Personal Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org
SR No.002731
Book TitlePrakrit evam Jainvidya Shodh Sandarbha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKapurchand Jain
PublisherKailashchandra Jain Smruti Nyas
Publication Year2004
Total Pages244
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size8 MB
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