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प्राकृत एवं जैनविद्या : शोध-सन्दर्भ
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150. जैन, जय (श्रीमती) __ जैनाचार्यविरचितपञ्चविज्ञप्तिलेखकाव्यानां सम्पादनमनुवादः (संस्कृत)
संस्कृत,संस्थान, ......... अप्रकाशित
नि०-- डा० रुद्रदेव त्रिपाठी 151. जैन, जयदेवी
चन्द्रप्रभचरित महाकाव्य- एक अध्ययन
आगरा, ....... अप्रकाशित 152. जैन, जिनेन्द्र कुमार
पुरुदेवचम्पू- एक समीक्षात्मक एवं सांस्कृतिक अध्ययन आगरा, 1986, अप्रकाशित
संस्कृत प्रवक्ता, सासनी इन्टर कालेज, सासनी, (अलीगढ) 204216 153. जैन, धर्मचंद
जैन संस्कृत साहित्य में भक्ति की अवधारणा वाराणसी, 1995, अप्रकाशित नि०- डा० सुदर्शन लाल जैन प्रवक्ता शासकीय कन्या महाविद्यालय, छतरपुर (म०प्र०)
रेडियो कॉलोनी के सामने, पन्ना रोड़, छतरपुर (म०प्र०) 154. जैन, नीता
आचार्य ज्ञानसागर के साहित्य में भारतीय संस्कृति बरेली, 2000, अप्रकाशित नि०- डा० रमेश चंद जैन, बिजनौर (उ०प्र०)
C/o श्री चुन्नीलाल जैन, स्टेट बैंक के पास, सिविल लाइन्स, ललितपुर (उ०प्र०) 155. जैन, पन्नालाल (स्व०)
महाकवि हरिचन्द- एक अनुशीलन सागर, 1983, प्रकाशित प्रका०- भा० ज्ञा०, नई दिल्ली प्रथम : 1975/14.00/20 + 210 अ०- (1) आधारभूमि, (2) कथा (3) साहित्यिक सुषमा, (4) आदान-प्रदान, (5) सिद्धान्त, (6) वर्णन, (7) प्रकृति निरूपण, (8) आमोद निदर्शन (मनोरंजन), (७) प्रकीर्णक निर्देश, (10) नीति-निकुञ्ज, (11) सामाजिक दशा और युद्ध निदर्शन, (12) भौगोलिक निदेश और उपसंहार।
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