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________________ प्राकृत एवं जैनविद्या : शोध-सन्दर्भ 129. गुप्त, शिवदत्त धनंजयकृत द्विसन्धान महाकाव्य का तुलनात्मक अध्ययन आगरा, 1970, अप्रकाशित 130. गुलाठी, मंजुला वरांगचरित का समीक्षात्मक अध्ययन मेरठ, 1991, अप्रकाशित नि०- डा० कैलाश चन्द्र जैन, सहारनपुर (उ०प्र०) 131. गौतम, मुकेश (श्रीमती)। महाकवि अर्हदास की कृतियों का समीक्षात्मक अध्ययन मेरठ, 2003, अप्रकाशित (टंकित) नि०- डा० कपूरचंद जैन, खतौली (उ०प्र०) पत्नी- श्री नीवन गौतम, प्रधान, आर्यपुरी भूड, खतौली (उ०प्र०) अ०- (1) विषय प्रवेश, (2) महाकवि अर्हददास की रचनाऐं, (3) महाकवि अर्हद्दास की कृतियों का काव्यात्मक अनुशीलन, (4) प्रमुख पात्रों का तुलनात्मक परिशीलन, (5) भौगोलिक एवं सामाजिक विश्लेषण, (6) राजनैतिक विश्लेषण, (7) कला एवं मनोरंजन (8) धर्म और दर्शन, (७) उपसंहार। 132. चक्रवर्ती, गौरी जीवन्धर चम्पू का समालोचनात्मक विश्लेषण मेरठ, 1980, अप्रकाशित नि०- डा० कैलाश चन्द जैन, सहारनपुर (उ०प्र०) 133. चौधरी, भानसंगभाई मोतीभाई श्री पद्मसुन्दर सूरि विरचित पार्श्वनाथ चरित महाकाव्य- एक अनुशीलन पाटन, 1999, अप्रकाशित नि०- डा० ए० एम० प्रजापति, संस्कृत विभाग नार्थ गुजरात वि० वि०, पाटन (गुजरात) 134. Jana, Bithika Studies in Nalayanam Culcutta, 1994, Unpublished. 135. जैन, अंजलि (कुमारी) (लघु प्रबन्ध) जयोदय महाकाव्य में उत्प्रेक्षा अलंकार इन्दौर, 2003, अप्रकाशित नि०- डा० संगीता मेहता, इन्दौर Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002731
Book TitlePrakrit evam Jainvidya Shodh Sandarbha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKapurchand Jain
PublisherKailashchandra Jain Smruti Nyas
Publication Year2004
Total Pages244
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size8 MB
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