SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 182
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 174 Bibliography of Prakrit and Jaina Research 940. सिंह, इन्द्रेश चन्द्र प्राचीन भारतीय सैन्य विज्ञान एवं युद्ध नीति (जैन स्रोतों के आधार पर ) वाराणसी, 1980, अप्रकाशित नि०- डा० सागरमल जैन, वाराणसी शोध सहायक, पा०वि० शोध संस्थान, वाराणसी व्यक्तित्व एवं कृतित्व JAIN WRITERS AND THEIR WORKS 941. असाटी, काशीराम गणेश प्रसाद वर्णी : व्यक्तित्व एवं कृतित्व सागर, 1993, अप्रकाशित (टंकित) नि०- डा० डी० सी० शर्मा, सागर (म०प्र०) खाण्डेकर कालोनी, झण्डा चौक, गोपालगंज, सागर (म०प्र०) अ०-- (1) श्री गणेश प्रसाद वर्णी के युग की समसामयिक परिस्थितियां (2) श्री ग० प्र० वर्णी का जीवन परिचय, जैन धर्म तथा जैन धर्म के प्रति उनका आकर्षण (3) श्री ग० प्र० वर्णी द्वारा हरिजन उद्धार तथा स्त्री सुधार कार्यों में योगदान (4) श्री ग० प्र० वर्णी के विभिन्न सामाजिक समस्याओं पर विचारों का विश्लेषण तथा उनके प्रयासों से संस्थापित विभिन्न सामाजिक संस्थायें (5) श्री ग० प्र० वर्णी के राष्ट्रीय एवं मानवतावादी विचारों का मूल्यांकन (6) ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में वर्णी साहित्य (7) परिशिष्ट- हस्तलिखित पत्र, सूक्तियां, प्रेरक संस्मरण, छायाचित्र आदि। 942. Upadhye, Adinath Neminath An Eassay on KundKunda, His date, Pravachanasara and other works With English translation of Pravachanasara. Mumbai, 1930, Published. 943. कोठारी, पूर्णिमा (श्रीमती) प्रशमरति और आचार्य उमास्वाति : एक अध्ययन अज्ञात. 944. गोपाल, रोशन लाल तारण स्वामी : व्यक्तित्व एवं कृतित्व भोपाल. ....... अप्रकाशित Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002731
Book TitlePrakrit evam Jainvidya Shodh Sandarbha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKapurchand Jain
PublisherKailashchandra Jain Smruti Nyas
Publication Year2004
Total Pages244
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy