SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 18
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 10 Bibliography of Prakrit and Jaina Research हम हार्दिक आभार और धन्यवाद ज्ञापित करते हैं वयोवृद्ध समाजसेवी, सहृदय सम्पादक, अनन्य जैन साहित्यसेवी तथा 'यंगलीडर' (दैनिक) और 'जिनेन्दु (साप्ताहिक) के संपादक श्रद्धेय श्री जिनेन्द्र कुमार जैन, अहमदाबाद का, जिन्होंने हमारी पुस्तक 'स्वतंत्रता संग्राम में जैन' को हाईलाइट करने की भावना से 'जिनेन्दु' के 22-8-2004 के अंक में मुखपृष्ठ सहित तीन पृष्ठों में पुस्तक परिचय को प्रकाशित किया है। अर्थप्रधान और आपा-धापी के इस युग में श्री जिनेन्द्र कुमार जी की यह साहित्य सेवा जैन समाज और संस्कृति के प्रति उनके समर्पण भाव की परिचायक है, उन्हें पुनः पुनः प्रणाम करते हुए आशा करते हैं कि भविष्य में भी उनका ऐसा ही आशीर्वाद और मार्गदर्शन हमें सदैव मिलता रहेगा। डा० एस०पी० पाटिल, पूर्व अध्यक्ष, कन्नड़ विभाग, कर्नाटक विश्वविद्यालय, धारवाड़ ने अत्यन्त परिश्रमपूर्वक कन्नड़ भाषा में हुए शोधकार्यों की जानकारी दी है, उन्होंने सभी प्रकाशित शोध प्रबन्धों का पता कर उनके प्रकाशकों के नाम सहित यह सूची तैयार की है, उनके साथ डा० श्रीधर हेगड़े ने सहयोग किया है। यदि सभी भाषाओं/ विषयों/ विश्वविद्यालयों के कुछ प्राध्यापक बन्धु इसी प्रकार का सहयोग करें तो जैन विद्याओं पर हुए समग्र शोधकार्य से विद्वज्जगत परिचित हो सकेगा। यदि क्षेत्रीय स्तर पर जैन शोध प्रबन्धों का संकलन हो सके तो यह एक महती उपलब्धि होगी, जिससे जैन विद्या शोध को दिशा मिलेगी और उसमें तीव्र गतिशीलता आयेगी। एल०डी० इंस्टीट्यूट, अहमदाबाद के निदेशक डा० जे०बी० शाह ने अपने संस्थान से हुए शोधकार्यों की प्रामाणिक जानकारी उपलब्ध करायी है किन्तु प्रकाशन/अप्रकाशन की स्थिति स्पष्ट नहीं होने से हमने वहाँ..... कर दिया है। एक ही विश्वविद्यालय से सम्बद्ध अनेक शोध संस्थान या महाविद्यालय होते हैं, जिनमें शोध कार्य सम्पन्न होता है, किन्तु नाम विश्वविद्यालय का ही रहता है, उस संस्थान/ महाविद्यालय को कार्य का श्रेय नहीं मिल पाता। हमारी इच्छा थी कि इस संस्करण में विश्वविद्यालय के आगे कोष्टक में शोध संस्थान/महाविद्यालय का नाम भी दिया जाता, किन्तु प्रामाणिक जानकारी के अभाव में हमारे हाथ बंधे हुए हैं। पाठकों से निवेदन है कि ऐसी प्रामाणिक जानकारी (शोध प्रविष्टि के क्रमांक सहित) भेजकर उपकृत करें जिससे आगामी संस्करण में उसे समाहित किया जा सके। वर्ल्ड काउंसिल आव जैन एकेडेमीज, लंदन के अध्यक्ष डा० नटु भाई शाह एक ऐसे साधक हैं, जिन्होंने विश्व के अनेक विश्वविद्यालयों में भारतीय दर्शन/जैन दर्शन पर व्याख्यान देकर जैन धर्म के सिद्धान्तों का प्रचार-प्रसार Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002731
Book TitlePrakrit evam Jainvidya Shodh Sandarbha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKapurchand Jain
PublisherKailashchandra Jain Smruti Nyas
Publication Year2004
Total Pages244
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy