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प्राकृत एवं जैनविद्या : शोध-सन्दर्भ
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908. द्विवेदी, रमेश
रामायण वाल्मीकि एवं पद्मचरिउ विमलसूरि का तुलनात्मक अध्ययन इन्दौर, ..........., अप्रकाशित
नि०- डा० एस० पी० त्रिपाठी, देवी अहिल्या वि० वि०, इन्दौर (म०प्र०) 909. दीक्षित, ओमप्रकाश (स्व०)
जैनकवि स्वयंभूदेवकृत पउमचरिउ (अपभ्रंश) एवं तुलसीकृत रामचरितमानस का तुलनात्मक अध्ययन आगरा, 1962, अप्रकाशित Bhayani, Harivallabh Chunnilal The Paumchariu of Svayambhudeva (Vidyadharakhand) Mumbai, 1952, Published (Singhi Jain Granth Mala, Mumbai, 1953) Prof. L. D. Institute of Indology, Near Gujrat University, Ahamadabad (Gujrat)
911.मदनलाल
हिन्दी रामकथा साहित्य के प्रमुख पात्रों का संस्कृत, प्राकृत एवं अपभ्रंश रामकथा साहित्य के पात्रों के साथ तुलनात्मक अध्ययन पंजाब, 1975, अप्रकाशित
912. Malayavasina
Telugu & Jaina Ramayana
Gujrat (L.D. Institute), 1980,.......... 913. मलिक, महिषी (श्रीमती) या महेषी मलिक
पुष्पदन्त का रामकाव्य और कृष्णकाव्य : विश्लेषणात्मक अध्ययन इन्दौर, 1976, अप्रकाशित
नि०- डा० देवेन्द्र कुमार जैन 914. मुनिश्री, विशाल जी
पद्मचरित एवं रामचरितमानस के पात्रों का तुलनात्मक अध्ययन मैसूर (मानस गंगोत्री), 1994, प्रकाशित (औरंगाबाद से)
नि०- डा० एस० एस० दक्षिणामूर्ति 915. मौहम्मद, यामीन
पउमचरिउ में लोकतत्त्व गढ़वाल, 1985, अप्रकाशित नि०- डा० सुरेशचंद शर्मा
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