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________________ 168 901. Bibliography of Prakrit and Jaina Research जैन, ज्योति (कु०) (लघु शोध प्रबन्ध) आचार्य रविषेण कृत पद्मपुराण के विद्याधर काण्ड में वर्णित वानर एवं राक्षस वंश दयालबाग, 1996, अप्रकाशित ( टंकित ) नि०- डा० (श्रीमती) अगम कुलश्रेष्ठ अ० - (1) विषय प्रवेश ( 2 ) विद्याधर काण्ड में वर्णित वानर एवं राक्षस वंश का सामान्य परिचय (3) आचार्य रविषेण कृत विद्याधर काण्ड एवं अन्य प्रसिद्ध ग्रन्थों के वानर एवं राक्षस वंश की तुलनात्मक समीक्षा (4) उपसंहार । 902. जैन, प्रदीप कुमार पउमचरिउ एवं रामचरितमानस के रावण का तुलनात्मक अध्ययन मेरठ, 1994, अप्रकाशित नि० - डा० (स्व०) पवन कुमार जैन, खतौली 46- बी० नई मण्डी, मुजफ्फरनगर (उ०प्र०) 903. जैन, महेन्द्र कुमार रविषेणाचार्य कृत पद्मपुराण का काव्यात्मक तथा सांस्कृतिक अध्ययन मगध, 1971, अप्रकाशित नि०- डा० नेमिचन्द्र शास्त्री 904. जैन, विद्यावती (श्रीमती) महाकवि सिंह और उनका पज्जुणचरिउ मगध, 1981, अप्रकाशित 905. जैन, शिखरचन्द पद्मपुराण तथा रविषेणाचार्य कृत पद्मचरित का तुलनात्मक अध्ययन अप्रकाशित आगरा, 906. जैन, संयम प्रकाश महाकवि स्वयम्भू विरचित पउमचरिऊ : एक सांस्कृतिक अध्ययन राजस्थान, 2003, अप्रकाशित नि०- डा० शीतल चंद जैन, जयपुर 907. साध्वी, प्रभाकुंवर (जैनार्या प्रभाकुमारी) जैन एवं हिन्दी रामकाव्य : एक अध्ययन एस० एन० मुम्बई, 1988, अप्रकाशित नि०- डा० उमा शुक्ला Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002731
Book TitlePrakrit evam Jainvidya Shodh Sandarbha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKapurchand Jain
PublisherKailashchandra Jain Smruti Nyas
Publication Year2004
Total Pages244
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size8 MB
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