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प्राकृत एवं जैनविद्या : शोध-सन्दर्भ
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A Comparative Study of Buddhist and Jainachar Bihar, 1965, Published Pub.-Vaishali First: 1972/15.50/17+284 Chap.- (1) The Jaina Achar and the Buddhist Vinaya (2) The order : Formation and Development (3) Manastic Ceremonies (4) Monastic
Administration (5) Conclusion 848. Jain, Bhagachandar ‘Bhaskar'
(IID.Litt) Studies in Jainism and Buddhism through Sanskrit Sources
Nagapur, 1990, Unpublished. 849. मुनिश्री, नगराज
(डी० लिट्०) आगम और त्रिपिटक : एक अनुशीलन (दो भाग) मानद, .............., प्रकाशित
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जैन और बौद्ध न्याय दर्शनों में ज्ञानमीमांसा : एक अध्ययन गुरुकुल, 1982, अप्रकाशित नि०- डा० जयदेव विद्यालंकार
851. शाह, प्रद्युम्न
जैन एवं बौद्ध न्याय में अनुमान का तुलनात्मक अध्ययन लाडनूं, 1996, अप्रकाशित
नि०-- पं० विश्वनाथ मिश्रा 852. शिव कुमार
बौद्ध, जैन एवं योगदर्शन में पंचशील : स्वरूप-विश्लेषण मगध, 1992, अप्रकाशित
853. सांड, मंगला (दुग्गड़)
जैन एवं बौद्ध योग का आलोचनात्मक अध्ययन वाराणसी, 1982, अप्रकाशित
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