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________________ 142 Bibliography of Prakrit and Jaina Research अ०- (1) भारतीय परम्परा में योग, (2) जैन योग साहित्य, (3) जैन योग का स्वरूप, (4) योग के साधन : आचार, (5) योग के साधन : ध्यान, (6) अध्यात्म विकास, (7) योग का लक्ष्य-लब्धियाँ एवं मोक्ष। 730. देबोत, सोहन लाल जैन मंत्रविद्या : एक अध्ययन उदयपुर, 1989, अप्रकाशित नि०- डा० कमल सोगाणी मु० पो०-लुहारिया, जिला-बांसवाड़ा (राज०) 327605 731. प्रतिमा देवी (श्रीमती) अमितगति श्रावकाचार का समीक्षात्मक अध्ययन बरेली, 1995, अप्रकाशित नि०- डा० रमेशचंद जैन, बिजनौर 732. रेखादेवी शास्त्री (ब्रह्मचारिणी) मूलाचार में प्रतिपादित दिगम्बर जैन साध्वाचार सागर, 1992, अप्रकाशित नि०- डा० भागचन्द जैन, भागेन्दु 733. बाजपेयी, मधूलिका (श्रीमती) मध्य प्रदेश में जैन धर्म का विकास जबलपुर, 1985, प्रकाशित नि०- डा० सुशीला पन्त 'जैनधर्म का विकास (मध्यप्रदेश के सन्दर्भ में)' नाम से प्रकाशित प्रका०- प्रज्ञा प्रकाशन, 34 कैलाश मंदिर, कानपुर-208001 प्रथम : 1991/160.00/296 अ०- (1) भारत में जैन धर्म का विकास (2) मध्य प्रदेश : भौगोलिक स्थिति तथा जैन धर्म एवं कला, (3) राजनीतिक तथा सामाजिक पृष्ठ भूमि, (4) जैन धर्म का उद्भव, दार्शनिक तथा धार्मिक मान्यतायें, (5) जैन धर्म का मध्य प्रदेश में विकास, (6) जैन वास्तुकला, (7) जैन मूर्तिकला, (8) प्रतिमाशास्त्रीय विशेषताएं, (9) प्रतीकों का विवेचन, (10) भारतीय संस्कृति को जैनधर्म का योगदान, (11) उपसंहार। 734. Bhargav, Daynand Jaina Ethics Delhi, 1968, Published. (Motilal Banarasi das, Delhi, 1968) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002731
Book TitlePrakrit evam Jainvidya Shodh Sandarbha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKapurchand Jain
PublisherKailashchandra Jain Smruti Nyas
Publication Year2004
Total Pages244
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size8 MB
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