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________________ प्राकृत एवं जैनविद्या : शोध-सन्दर्भ 113 545. जैन, अरविन्द कुमार तत्त्वार्थसूत्र : एक दार्शनिक अध्ययन आगरा, 1989, अप्रकाशित संस्कृत प्रवक्ता, जैन इण्टर कॉलेज, करहल (मैनपुरी) पिन-205264 546. जैन, अशोक कुमार जैन दर्शन में अनेकान्तवाद : एक परिशीलन गढ़वाल, 1986, अप्रकाशित प्राध्यापक- जैन विश्व भारती, लाडनूं (राज०) 547. जैन, आशाकुमारी जैन न्याय तथा आधुनिक बहुपक्षीय शास्त्र इलाहाबाद, 1979, अप्रकाशित 548. जैन, इन्द्रजीत आचार्य उमास्वाति का भारतीय दर्शन को योगदान ग्वालियर, 1974, अप्रकाशित नि०- डा० प्रभुदयाल अग्निहोत्री ई-2/73, महावीर नगर, भोपाल-462014 18, राजपूताना (पश्चिम) रुडकी (उ०प्र०) पिन-247667 549. जैन, उदयचन्द्र जैन तत्त्वमीमांसा : एक तुलनात्मक अध्ययन आगरा, ..., अप्रकाशित 550. जैन, कमल कुमार (लघु प्रबन्ध) आचार्य कुन्द कुन्द कृत भावपाहुड़ : एक अध्ययन उदयपुर, 1985, अप्रकाशित नि०- डा० उदय चन्द जैन, उदयपुर प्राकृत डिक्शनरी सेक्शन भाण्डारकर ओरियण्टल रिसर्च इंस्टीट्यूट पूना (महाराष्ट्र) 551. जैन, किरण जैन दर्शन के सन्दर्भ में मुनि विद्यासागर जी के साहित्य का अनुशीलन सागर, 1992, प्रकाशित (आदित्य पब्लिशर्स, बीना (म०प्र०), 2001) नि०- डा० सुरेश आचार्य 117, जे० के० हाउस, मनोरमा कालोनी, सागर (म०प्र०) 552. जैन, किरण कला स्याद्वाद मंजरी : एक समीक्षात्मक अध्ययन कुरुक्षेत्र, ........., प्रकाशित नि०- डा० (स्व०) गोपिका मोहन भट्टाचार्य Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002731
Book TitlePrakrit evam Jainvidya Shodh Sandarbha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKapurchand Jain
PublisherKailashchandra Jain Smruti Nyas
Publication Year2004
Total Pages244
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size8 MB
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