________________
106
Bibliography of Prakrit and Jaina Research
498. जैन, उमापति बी०
जैन वाङ्मय में अनुयोगों का विश्लेषणात्मक अध्ययन राजस्थान, 2003, अप्रकाशित नि०- डा० शीतल चंद जैन, जयपुर
499. जैन, परमेष्ठीदास (स्व०)
आचारांग सूत्र का आलोचनात्मक अध्ययन सागर, 1960, प्रकाशित प्रका०- पा० शो०, वाराणसी प्रथम : ........./40.00/177 अ०- (1) जैन आगम साहित्य में आचारांग सूत्र (2) आचारांग की विषयवस्तु (3) आचारांग की भाषा-शैली (4) आचारांग में समाज और संस्कृति (5) आचारांग में शासन व्यवस्था (6) आचारांग का दार्शनिक पक्ष (7) आचारांग में प्रतिपादित धर्म साधना (8) भगवान् महावीर का जीवन ।
500. Jain, Mukta
A Cultural Study of the Bhagawati Aaradhana of Sivarya. Udaipur, 2003, Unpublished.
Sup. - Dr. Prem Suman Jain, Udaipur 501. जैन, रमेशचन्द
अर्धमागधी उपांग साहित्य का समालोचनात्मक अध्ययन
जबलपुर, ......... अप्रकाशित 502. Jain, Veena
A Study of Jaina Ethical Ideas with special reference to Acharangasutra.
Delhi, 1977, Unpublished. 503. जैन, सुदर्शन लाल
उत्तराध्ययन सूत्र का समालोचनात्मक अध्ययन वाराणसी, 1968, प्रकाशित
अध्यक्ष- संस्कृत विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी (उ०प्र०) 504. जैन, सुनीता
आचारांग सूत्र : एक आलोचनात्मक अध्ययन (संस्कृति एवं दर्शन के विशेष सन्दर्भ में) पटियाला, 1995, अप्रकाशित नि०- डा० ए० एन० सिन्हा, रिलीजियस स्टडी विभाग, पंजाबी वि० वि०,
पटियाला (पंजाब) Jain Education International For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org