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प्राकृत एवं जैनविद्या : शोध-सन्दर्भ
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19, बापना स्ट्रीट, मोती चौहट्टा, उदयपुर - 313001 प्रका०- आगम अहिंसा समता एवं प्राकृत संस्थान, उदयपुर (राजस्थान) प्रथम : 1988/65.00/12 + 243 अ०- (1) आगम साहित्य एवं उपाशकदशांग, (2) उपाशकदशांग का परिचय, (3) उपासकदशांग की विषय-वस्तु एवं विशेषतायें, (4) उपासकदशांग का रचनाकाल एवं भाषा विश्लेषण, (5) श्रावकाचार, (6) उपासकदशांग में वर्णित समाज एवं
संस्कृति, (7) परिशिष्ट। 492. खीचा, पारसमणि (श्रीमती)
स्थानांग सूत्र का समालोचनात्मक अध्ययन उदयपुर, 1996, अप्रकाशित
नि०- डा० उदयचंद जैन, उदयपुर 493. घिल्डियाल, पूनम बाला
जैनागम परम्परा के परिप्रेक्ष्य में आचारांग का परिशीलन लखनऊ, 1992, अप्रकाशित
नि०- डा० कृष्ण कुमार मिश्रा 494. चतुर्वेदी, रामहंस
जैन आगम साहित्य में जैनेतर धर्म वाराणसी, 1987, अप्रकाशित नि०- डा० लल्लन जी गोपाल, वाराणसी
ग्राम-सुरजीपुर, पो०- हुनसेपुर, जिला आजमगढ़ (उ०प्र०) 495. चोरडिया, निर्मला (सुश्री)
स्थानांग सूत्र : एक सांस्कृतिक अध्ययन लाडनूं, 1997, अप्रकाशित नि०- डा० डी० एन० शर्मा
496. जारोली, फतहलाल
विपाकसूत्र एवं उसकी टीका का दार्शनिक एवं सांस्कृतिक अध्ययन उदयपुर, 1997, अप्रकाशित
नि०- डा० प्रेमसुमन जैन, उदयपुर 497. जैन, अमिता
उपासकदशांगसूत्र : एक समीक्षात्मक अध्ययन कुरुक्षेत्र, 1998, अप्रकाशित
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