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Bibliography of Prakrit and Jaina Research
455. सेठ, रवीन्द्र कुमार
तिरुवल्लुवर और कबीर का तुलनात्मक अध्ययन दिल्ली, 1972, प्रकाशित नि०- डा० ओमप्रकाश एवं डा० के० अरुमुहम् हिन्दी विभाग, पी० जी० डी० ए० वी० (सान्ध्य) कॉलेज, दिल्ली प्रका०- नेशनल पब्लिशिंग हाउस, 23 दरियागंज, दिल्ली-6 प्रथम : 1972/30.00/24 + 231 अ०- (1) तिरुवल्लुवर एवं कबीर : तुलनात्मक अध्ययन, (2) तिरुवल्लुवर एवं कबीर की (अरम्) धर्म विषयक मान्यताओं का तुलनात्मक अध्ययन, (3) तिरुवल्लुवर एवं कबीर के काव्य में अर्थ (पोरुल) का तुलनात्मक अध्ययन, (4) तिरुवल्लुवर एवं कबीर के काव्य में काम (इनबम्) का तुलनात्मक अध्ययन, (5) तिरुवल्लुवर एवं कबीर काव्य में सामाजिक अभिव्यक्ति (6) भावसाम्य के ज्वलन्त उदाहरण।
भाषा विज्ञान एवं व्याकरण
PHILOLOGY AND GRAMMAR 456. Uniyal, Gargi Devi or Guha, Thakurta Gargi
A Critical Study of Prakrit Language in Sanskrit Dramas.
Poona, 1965, Unpublished. 457. Athithan,A.
The grammar of Tolakkappiyam and the Language of Pothinekilikkanakku - A Comparative Study. Madurai, 1979, Unpublished.
458. Kar, Himansu sekhar
A comparative study of the chandra and the Jainendra Vyakarana Utkal, 2001, Unpublished.
Sup.- Dr. P. C. Dash, Dept. of Sans., Utkal University., Bhubneswar 459. चतुर्वेदी, सुकुमारी
सिद्धहेम शब्दानुशासनगत अपभ्रंश का समग्र अनुशीलन और उसका हिन्दी पर प्रभाव
विक्रम, 1975, अप्रकाशित 460. जैन, अनीता
पाणिनीय व्याकरण और जैनेन्द्र व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन जबलपुर, 2003, अप्रकाशित नि०- डा० राधिका प्रसाद मिश्र, दु० वि०वि०, जबलपुर
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