________________
प्राकृत एवं जैनविद्या : शोध- सन्दर्भ
433. लवानिया, चन्द्रप्रभ
मध्ययुगीन जैन हिन्दी महाकाव्य मेरठ, 1982, अप्रकाशित
434. वर्मा, मंजु
मध्यकालीन प्रमुख सन्तकवियों एवं जैनधर्मी कवियों का तुलनात्मक अध्ययन विद्यापीठ, 1979, अप्रकाशित
नि०- डा० वासुदेव सिंह
435. वैश्य, रुक्मिणी (श्रीमती)
कुशललाभ कृत कथासाहित्य का लोकतान्त्रिक अध्ययन
राजस्थान, 1973, प्रकाशित
नि०- श्री एस० के० उपाध्याय
हिन्दी विभाग, पत्राचार पाठ्यक्रम, राजस्थान वि० वि०, जयपुर (राज०)
436. वैष्णव, यू० जी० (उदाराम)
हरिवंशपुराण और सूरसागर में श्रीकृष्ण एक तुलनात्मक अध्ययन पाटन, 1992, अप्रकाशित
नि०- डा० एच० जी० शुक्ल
437. वैष्णव, वी० के० (विष्णुदास)
त्रिषष्ठिश्लाकापुरुषचरित : जैन रामायण और मानस का तुलनात्मक अध्ययन
पाटन, 1992, अप्रकाशित
नि०- डा० एच० जी० शुक्ल
438. शर्मा, चन्द्रपाल
हिन्दी गद्य साहित्य को जैन लेखकों की देन
आगरा,
अप्रकाशित
------
439. शर्मा, नीरू
रीतिकालीन नीतिकाव्य और वृन्द की नीति सतसई
बरेली, 1986, अप्रकाशित
97
Jain Education International
440. शर्मा, मदनगोपाल
साध्व के प्रद्युम्न चरित के विशेष सन्दर्भ में प्रद्युम्न चरित काव्य का तुलनात्मक
और आलोचनात्मक अध्ययन
राजस्थान, 1969 प्रकाशित
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org