SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 102
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 94 Bibliography of Prakrit and Jaina Research (लघु प्रबन्ध) आचार्य विद्यासागर जी कृत मूकमाटी महाकाव्य : एक साहित्यिक मूल्यांकन भोपाल, 1992, अप्रकाशित नि०- डा० जी० पी० नेमा 412. जैन, सीमा कुमारी 413. जैन, सुनीता संस्कृत, प्राकृत एवं अपभ्रंश भक्तिकाव्य परम्परा में जैन कवियों का हिन्दी पद साहित्य : एक समालोचनात्मक अध्ययन बिहार, 1983, अप्रकाशित 414. डूंगरवाल, हेमन्त कुमार मुनि नत्थमल (वागोर) प्रणीत भिक्षु महाकाव्य का समीक्षात्मक अध्ययन उदयपुर, 2002, अप्रकाशित नि०- डा० हेमलता बोलिया, संस्कृत विभाग सुखाडिया वि० वि०, उदयपुर (राज0) वाटर वर्क्स रोड़, प्रतापगढ़ (राज0) 415. दुबे, अखिलेश कुमार सत्रहवीं शताब्दी के पूर्वार्ध में बनारसीदास जैन के अर्धकथानक का सामाजिक, सांस्कृतिक परिदृश्य जे० एन० यू०, 1998 अप्रकाशित नि०- प्रो० सावित्री चन्द्रा, सेन्टर आफ इण्डियन लेंवेज, जे० एन० यू०, नई दिल्ली 415A. दुबे, सुनीता (श्रीमती) आचार्य विद्यासागर की लोकदृष्टि और उनके काव्य का कलागत अनुशीलन भोपाल, 2002, अप्रकाशित नि०- डा० शीलचंद जैन, 19 वाचनालय मार्ग, विदिशा W/o श्री आर० के० दुबे, 103 गांधीनगर कालोनी, विदिशा (म०प्र०) 416. प्रचण्डिया, आदित्य जैन कवियों के हिन्दी पूजा साहित्य का साहित्यिक अध्ययन आगरा, 1978 प्रकाशित नि० - डा० श्रीकृष्ण वार्ष्णेय मंगलकलश 394, सर्वोदय नगर, आगरा रोड़, अलीगढ़, पिन-202059 417. प्रचण्डिया, महेन्द्र सागर हिन्दी बारहमासा साहित्य और उसका इतिहास तथा अध्ययन आगरा, 1962, प्रकाशित उक्त प्रचण्डिया जी का Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002731
Book TitlePrakrit evam Jainvidya Shodh Sandarbha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKapurchand Jain
PublisherKailashchandra Jain Smruti Nyas
Publication Year2004
Total Pages244
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy