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________________ -५२. १६. २६ ] महाकवि पुष्पदन्त विरचित दारिओयरं छिण्णगलछिरं। रत्ततंविरं चम्मलंबिरं। विहिविणिंदिरं कलुणकंदिरं। चित्तचामरं तुट्टपक्ख रं। फुट्टमहलं मुक्ककोंतलं । विहुरवेंभलं णिग्गयं बलं । बद्धमच्छर तोसियच्छरं। कडुयजंपिरं धीरँकपिरं। रुंडणच्चिरं कुंतखंचिरं। भडवियारणं कुंभिदारणं । भिडियवारणं सिरणिलूरणं । सुहडकलयलं गहियहुलहुलं । चम्मभिदिरं गत्तछिंदिरं। कवयसंजुयं णियवि संजुयं । सुरपसंसिरं धुणियेगयसिरं। भग्गरहवरं पडियहयवरं। खग्गखणेखणं दारुणं रेणं । पक्खिसंकुलं रक्खसाउलं। १ छिण्णछत्तयं । घत्ता-माहवबलवइणा कयरणरइणा णिययसेण्णु साहारिउं । कुलु विहिविणडियउं दिसिविहडियउं पुत्तेण व उद्धारि ॥१६॥ भिन्न हो गयीं। दांत गिर पड़े ( टूट गये ) । लोग प्रहारसे जर्जर हो उठे, भयज्वरसे पीड़ित पेट फाड़ दिया गया; गले और सिर काट दिये गये। रक्तसे लाल हो उठे, चर्म लटक गये, विधिको निन्दा करने लगे, करुण विलाप होने लगा, चमर फेंक दिये गये, कवच टूटने लगे, मृदङ्ग फूल गये केश बिखर गये कसे विहल सैन्य निकल पडा। ईर्ष्या करनेवाला. अप्सर करनेवाला, कटु बोलनेवाला, धैर्यको कंपानेवाला, धड़ोंको नचानेवाला, भालोंको खींचनेवाला, योद्धाओंका विदारक, हाथियोंको विदीर्ण करनेवाला, गजोंसे लड़नेवाला, सिरोंको काटनेवाला, सुभटोंके कलकलसे युक्त, शूलोंको हाथों में लेनेवाला, चर्मका भेदन करनेवाला, शरीरको छेदनेवाला, कवचसे सहित, देवोंसे प्रशंसित, छिन्न गज सिरवाला, भग्नरथवरोंवाला, घिरे हुए अश्ववरों सहित, तलवारोंसे खनखनाता हुआ, पक्षियोंसे संकुल, राक्षसोंसे आकुल, गजदंतोंसे युक्त छिन्नछत्र दारुण रण देखकर। पत्ता-युद्ध से रति करनेवाले माधवके सेनापतिने अपने सैन्यको ढांढस बंधाया, जैसे भाग्यसे प्रवंचित और दिशाओंमें विभक्त कुटुम्बका पुत्र ने उद्धार किया हो ।।१६।। दंतिदंतयं ५. P वम्मलंबिरं। ६. P भिग्गयं । A K write in margin the portion beginning with बद्धमच्छरं down to छिण्णछत्तयं । ७. P धीरु कपिरं। ८. P कुंतयंचिरं। ९. A धुणिवि गयसि। १०. AP°रभरं। ११. A भग्गखणखणं: P खग्गसणसणं। १२. Pघणं । १३. P देंतिदंतयं । १४. A छिण्णछिण्णय; P adds विहरविंभलं, भग्गयं च (ब?) लं। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org,
SR No.002724
Book TitleMahapurana Part 3
Original Sutra AuthorPushpadant
AuthorP L Vaidya
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1981
Total Pages574
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Mythology, & Story
File Size12 MB
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