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________________ १२. ५. २०] हिन्दी अनुवाद २७९ काकणी मणि, कामिनी, दण्डरत्न, सूर्यकान्त और चन्द्रकान्त मणियोंकी कान्तियोंसे मिश्रित चक्रवर्तीके शरीरकी ऊंचाईवाली भारी अजेय तेजस्वी भयंकर कृपाण, पीत छत्र, महावीरके स्कन्धावारके समान विस्तारवाला महान् सुन्दर चर्म, हरे कीरोंके पंखोंके समूहके समान कान्तिवाला, और देवेन्द्रके अनिन्द्य नागराजको जीतनेवाला गज, भयंकर आपत्तियोंका f करनेवाला और प्रजाओंकी सम्पदाओंका निवास और प्रकाशित करनेवाला पुरोहित, समतामें विषमता और विषमतामें समता स्थापित करनेवाला तथा दुर्गमार्गोंका अपहरण करनेवाला सेनापति, महाऋद्धियोंसे समृद्ध कोई देव गृहपति, महापुण्यसे राजाको सिद्ध हुआ। देवगृहोंके लिए विचित्र कर्मोंका अवतरण करनेवाला श्रेष्ठ कोई सूत्रधार अर्थात् स्थपति उसे सिद्ध हुआ। ___घत्ता-जिसने चौदह भुवनोंको सिद्ध किया है, ऐसे चौदह रत्नोंके साथ, राजाके चक्रके पीछे हय-गज और रथ वाहन हैं जिसमें ऐसी समस्त सेना इच्छापूर्वक चली ॥४॥ मणियोंके रथवरपर आरूढ़ राजा ऐसा जान पड़ता था मानो नभमें इन्द्र हो। जिसका बाहुयुगल दृढ़ और कठोर है, वक्षस्थल अत्यन्त विकट है, जिसने अपने बलसे कुलपर्वतको तोल लिया है, उस पुरुषसिंहके विषयमें क्या कहूँ। उसके कन्धे सिंहके समान हैं जो बहरे और अन्धोंका बन्धु है, जिसके केश भ्रमरके समान नीले हैं जो त्रिलोकका प्रतिमल्ल है, ऐसा वह भरतेश, दांकर. दही. चन्दन और शेषाक्षत ( तिल ) तथा मंगलघोषके साथ इस प्रकार चला मानो मनुष्यके रूपमें कामदेव हो। ध्वजसे ध्वज प्रतिस्खलित हो गया। मनुष्य अश्वोंसे कुचल गया । गज अपना कण्ठ धुनने लगा। महावत धरतीपर गिर पड़ा। भयसे भरा हुआ, बैलके द्वारा फेंका गया। पात्र टूट-फूट गये । गोधन चूर्ण-चूर्ण हो गये। जिसके नेत्र नवनलिनके समान हैं, जिसकी साड़ी खिसक गयी है, ऐसी खच्चरपर बैठी हुई बालाने 'हा' कहा। गधेके पतनसे गिरी हुई तथा मधुसुरासे चेष्टा करनेवाली उस बालाके द्वारा लोग कामसे घायल होते हैं और बड़ी कठिनाईसे चल पाते हैं। अत्यन्त प्रौढ़, त्रिलोकमें प्रसिद्ध स्थिर स्थूल बाहुवाले प्रफुल्लमुख सेना Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002722
Book TitleMahapurana Part 1
Original Sutra AuthorPushpadant
AuthorP L Vaidya
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1979
Total Pages560
LanguageHindi, Apbhramsa
ClassificationBook_Devnagari & Mythology
File Size11 MB
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