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महापुराण
[९. २२.८ का वि वेल्लि तहिं वेढइ कंचणु सयल वि णारि समीहइ कंचणु।। लग्गी का वि ललंति असोयइ जिहे तृय तिह किर रमइ असोयइ । लग्गी का वि गंपि पुण्णायहु होई णियंबिणि फुडु पुण्णायहु । क वि मायंदहुँ संगु ण खंचंइ णिवरोहिणिहि लील णं संचइ । घत्ता-किसलयदलफलगोंछे चलचंचुइ णिल्लरइ ।।
१°अमरु कीरवेसेण तेत्यु को वि रइ परइ ॥२२॥
हेला-चिंतियवेसधारिणो जणियकामभावा।
वेल्लीवणलयाहरे जहिं रमंति देवा ॥१॥ पुणु हिरण्णरइयउ रुइरिद्धउ । जिणेण वयपरियरु बद्ध । अप्पवेसु णं कामकडक्खहु । गुरुपायारु पारु णं दुक्खहु । जहिं चउगोउराइं संविहियई जहिं बहुमंगलदळवई णिहियई। अट्ठोत्तरसयसंखासदई
णव वि णिहाणइं हयदालिदई । तहिं विंतर पडिहारसमत्था भीयरकुलिसगयासणिहत्था। पुणु पेणिहिउ उहयम्मि विसालउ चउदिसु दो दो णाडयसालउ । ताउ तिभूमिउ णवरसजुत्तउ णाई पउत्तिउ सुकइपउत्तउ । बहुवजउ वइरायरभूमिउ
आयउ णं ओलग्गहुँ सामिउ । घत्ता-उहयदिसहिं कुहिणीहि पुणु वि कया वि ण णिट्ठिय ॥
दो दो दिण्णसंधूव तहिं धूवहेड परिट्ठिय ॥२३॥
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हेला-दीसइ गयणमंडले णीलधूमरेहा।
___णं जिणकम्मकालिया भमइ मुक्कदेहा ॥१॥ पुणु खयरामररामारमियई चउणंदणवणाइं परिभमियई । वणि वणि विमलई सरिसरपुलिणइं कीलागिरिवरकेलीभवणई। चउगोउरतिसालपरियरियउ पीढु तिमेहलु मणिविप्फुरियउ । तित्थु असोउ असोयवणंतरि तहु पडिमाउ चयारि दियंतरि । कोहमोहमयमाण चत्तउ
सीहासणछत्तत्तयजुत्तउ। अस्थि अणेयदेवकयपुज्जउ णिहयणिरंगउ णिरु णिरवजउ ।
५. MB जिह तिह किर; P जिह तिय तिह and gloss यथा स्त्री; K तृय but corrects it to तिय । ६. MBP अवसें णारि होइ पुण्णायह। ७. BP खंचइ। ८. M अंचइ । ९. B गोच्छु ।
१०. MBP अमरु वि कीरमिसेण । २३. १. B वल्लीवण । २. MT पणिही; BP पणहीउ । ३. MBP सुकइणिउत्तउ । ४. MB सुध्य;
P सुधूवा। ५. M धूवहडण । २४. १. MBPT add after this: ककेल्लीचंपयसत्तयलहिं, संछण्णहिं साहारहिं सरलहिं ।
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