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महापुराण
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भो देवदेवेस णिग्गवेसेण णालवसि किं भवसि इ भणिवि अहिं बोलाविओ जइ वि परणिहियणियचित्तु
धत्ता - हिंडइ जाम जिनिंदु चरियामग्गि पइट्ठउ ॥ ता सेयंसणिवेण गयउरि सिविणउं" दिउ ||२॥
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भो परम परमेस । *णियदेहसोसेण । उ हससि णउ रमसि । चडुसज्जेहिं |
पहु चवइ उ तइ वि । महिdig विहरंतु ।
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हेला - पल्लं कासिएण मउलंतणेत्तएणं । रणिविराम जाम
णीलजडाकलावओमालिउ एरावयर्केर संणिहबाहउ तावण्णहिं दिणि णयरि पइटुउ धावमाणजणपयसंमहें
को वि भइ अवलोयहि एत्तहि
संपत्तएणं ॥१॥ भवाणुबद्धधम्मणा । करीसरो सरोवरो । बद्ध माहिओ | रिऊण छेयणंकरो ।
महाभsो धणुद्धरो । विसों विसाणउज्जलो । घरे वितु मंद | पणट्ठदिट्टिमोहओ | माणसे विवेइओ | समासिओ सभाडणो ।
सहाणुजम्मिणा पिसायरो दिवायरो
मण्णव सुरंधिओ बाहुजित्तसंग रक्खमेककंधरो घुलंत पुच्छँ पच्छलो णियच्छिओ सकंदरो इमो सोह सिंत पलोइओ पहाय महाउ
घत्ता - तं णिसुणिवि कुरुणाहु सिविण्यलु आहासइ ॥ कवि जगतमु देउ ह मंदिर आवेसइ ॥३॥
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हेला - ससिरविसुहडसीहस रेस रहिगोगुणालो । जंगममंदरु व्व गइहसियपीलुंलीलो ॥१॥
सिहरि व जलहर मालइ कालिउ । गोहु व ललंतपारोहउ । णारहिं णिरजणु दिट्ठउ । उट्ठिउ कलयलु जयजयस दें । हउं पंजलियर अच्छमि जेत्तहि ।
१६. B णिवं । १७. MBP भमसि । १८. M चडुयम्मसदेहिं । १९. BP सुइणउं ।
१. M बलधुरो । २. MBP भरेक्कमेक्ककंधरो । ३. MPK पुंछ । ४. MBP फलु |
०
१. M सरभूरुहगुणालओ; B सरसरेणे गुणालओ; P सरसरहिणा गुणालओ; T सरहि समुद्रः ।
२. MBP॰ पीलुलीलओ । ३. MBP अइरावय । ४. M करिं ।
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