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[६. २.५
महापुराण कमकपणु अद्दु णिहालणउं हिक्कारउ भेउंहाचालणउं। खासणु धम्मिल्लामेल्लणउं
करमोडि परासणपेल्लणउं । अवठंभणु दप्पणदंसणउं
अइजंपणु सगुणपसंसणउं । सवियारउ कायणियच्छणउं इट्ठागमदेवदुर्गुछणउं। संकेयवयणअवयारणउं
परणिंदणु पायपसारणउं । अवरु वि जं विणएं विरहियउं तं म करह गुरुयणगरहियउं । मण्णहु माणुसु सामिहि तणउं ढंकहु दीणत्तणु अप्पणउं । घत्ता-इय लक्खिउ अक्खिउ सेवयहो अहिमाणिहिं वणु चंगउ ।
दउवारियपेरियदंडएण मा छिप्पउ तहु अंगउं ।।२।।
मलयविलसिया-सुरवरसारउ । एम भडारउ।
अच्छइ जावहिं सुरवइ तावहिं ॥१॥ संचिंतइ अवहीणाणधरु
बारहरविसंणिहकुलिसयरु । पुत्वहं परमेसरेण रमिय कुमरत्ते वीस लक्ख गमिय । भुंजंतहु महि तेसट्ठि गय
अज्जु वि अवलोयइ चवल हय । अज्जु वि मणि मण्णइ मत्त गय इच्छइ अज्जु वि संदण सधय । अज्जु वि घेरि रइ किंकरणिव हि अज्जु वि ण विरप्पइ कामसुहि । को हुयवहु इंधणेण धवइ
सरिसलिले सैरिणियराहिवइ । को भोएं जीवहु करइ दिहि बलवंतउ सव्वहुं कमविहि । जाणंतु वि मुज्झइ देउ जहिं अण्णाणु अवरु किं भणमि तहिं । घत्ता-रइराविउ भाविउ एउं जगु किं पि ण'याणइ जुत्तउ ।।
सकलत्तहिं पुत्तहिं मोहियउ णिवडइ हेट्ठाहुत्तउ ॥३॥
मलयविलसिया-दुढे धिटे। डझसु तिहे।
ण तुह धणेणं तित्ति इमेणं ॥१॥ अन्जु वि णउ फिट्टइ भोयरइ अज्जु वि णउ चिंतइ परम गइ। अन्जु वि पहुहियउ उ उवसमइ माणवरमणीरमणउ रमइ । सरणिहिसमाहं मइ पययिउ अट्ठारहकोडाकोडियउ । णट्ठाई धम्मकम्मतरई
दसणणाणइं चरियई वरई। २. M भउहाँ। ३. M करहि; BP करहु । ४. MBP माणसु । ५. MB अहिमाणहि । ३. १. MBP जइयहुं । २. MBP तइयहुं । ३. MBP रइ घरि । ४. B°णिवहो। ५. B कामसुहो ।
६. M सरणियरा। ७. MBP सव्वहं बलवंतउ। ८. MBP जाणंतउ । ९. K एहु ।
१०. MBPK एम। ११. MP ण जाइ: Bण जाणइ । १२. MBP हेद्राहंतउ । ४. १. MBP ण उवसमइ । २. T सरिणिहि । ३. B Omits this foot.
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