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Pradha
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संजयंत मुनि वन में तपस्या कर रहे हैं और उनकी तपस्या के प्रभाव से उनके ऊपर
विद्युद्दष्ट्र विद्याधर का आकाश में जाता हुआ विमान कीलित हो जाता है।
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