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सियाल (पु.) - गीदड़, सियाल + ई = सियाली (स्त्री.) - गीदड़ी णड (पु.) - नट, णड + ई = णडी (स्त्री.) - नटी विउस (वि.)-(पु., नपु.) - विद्वान्, विउस + ई = विउसी(स्त्री.)- विदुषी सत्तम (वि.) - (पु., नपु.) – सातवां, सत्तम + ई = सत्तमी (स्त्री.)- सातवीं
दसम (वि.) - (पु., नपु.) - दसवां, दसम + ई = दसमी (स्त्री.) - दसवीं (ग) कुछ शब्दों में 'ई' प्रत्यय जोड़ने से पहले 'आण' प्रत्यय जोड़ा जाता है।
जैसेइदं (पु.) – इन्द्र, इंद + आण + ई = इंदाणी (इन्द्र की पत्नी) माउल (पु.) - मामा, माउल + आण + ई = माउलाणी (मामा की स्त्री) भव (.) - शिव, भव + आण + ई = भवाणी (शिव की पत्नी/पार्वती) रुद्द (पु.) - शिव, रुद्द + आण + ई = रुद्दाणी (दुर्गा) उवज्झाय (पु.) - उपाध्याय, उवज्झाय + आण + ई = उवज्झायाणी (उपाध्याया)
आयरिय (पु.) - आचार्य, आयरिय + आण + ई = आयरियाणी (आचार्या) (घ) कुछ शब्दों में 'आ' और 'ई' दोनों जोड़े जा सकते हैं। जैसे --
नील + आ = नीला, नील + ई = नीली
काल + आ = काला, काल + ई = काली
हस+माण+ आ = हसमाणा, हस+माण+ई = हसमाणी (हंसती हुई)
हस + न्त + आ = हसन्ता, हस + न्त + ई = हसन्ती (हंसती हुई) (च) 'आ' प्रत्यय जोड़ते समय यदि शब्द के अन्त में 'क' ( अ/ग) हो और
पूर्व में 'अ' हो तो अ के स्थान इ हो जाता है। जैसे - बालअ (पु.) बालक, बालअ + आ = बालिआ (बालिका)
गायअ (पु.) गायक, गायअ + आ = गायिआ (गायिका)
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प्राकतव्याकरण: सन्धि-समास-कारक-तद्धित-स्त्रीप्रत्यय-अव्यय
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