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1. हिन्दी साहित्य का इतिहास, सम्पादक : डॉ. नगेन्द्र, पृ. 23,
नेशनल पब्लिशिंग हाउस, नई दिल्ली। 2. हिन्दी साहित्य : उद्भव और विकास, डॉ. हजारीप्रसाद द्विवेदी, पृ. 22,
राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली। 3. अपभ्रंश साहित्य का पुनरवलोकन, डॉ. सकलदेव शर्मा, पृ. 15, अपभ्रंश भारती,
अंक-7, अपभ्रंश साहित्य अकादमी, जयपुर। 4. हिन्दी साहित्य : उद्भव और विकास, डॉ. हजारीप्रसाद द्विवेदी, पृ. 38,
राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली। 5. अपभ्रंश और अवहट्टः एक अन्तर्यात्रा, डॉ. शम्भूनाथ पाण्डेय, पृ. 232,
चौखम्भा ओरियन्टालिया, वाराणसी। 6. वही, पृ. 289, 290, 291 7. हिन्दी साहित्य : उद्भव और विकास, डॉ. हजारीप्रसाद द्विवेदी, पृ. 28, 29,
राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली। 8. अपभ्रंश भाषा साहित्य की शोध-प्रवृत्तियाँ, डॉ. देवेन्द्रकुमार शास्त्री, पृ. 67, 68,
भारतीय ज्ञानपीठ, नई दिल्ली। 9. वही 10. वही 11. अपभ्रंश और अवहट्ट : एक अन्तर्यात्रा, डॉ. शम्भूनाथ पाण्डेय, पृ. 308,
चौखम्भा ओरियन्टालिया, वाराणसी। 12. आदिकालीन हिन्दी साहित्य, डॉ. शम्भूनाथ पाण्डेय, पृ. 220,
विश्वविद्यालय प्रकाशन, वाराणसी। 13. अपभ्रंश भाषा साहित्य की शोध-प्रवृत्तियाँ, डॉ. देवेन्द्रकुमार शास्त्री, पृ. 72,
भारतीय ज्ञानपीठ, नई दिल्ली। 14. फागु-काव्य : विधा और व्याख्या, डॉ. त्रिलोकीनाथ 'प्रेमी', पृ. 32, अपभ्रंश भारती,
अंक-5, 6, अपभ्रंश साहित्य अकादमी, जयपुर । 15. अपभ्रंश और अवहट्ट : एक अन्तर्यात्रा, डॉ. शम्भूनाथ पाण्डेय, पृ. 324, 325,
चौखम्भा ओरियन्टालिया, वाराणसी। 16. वही, पृ. 325 17. वही, पृ. 325 18. वही, पृ. 326, 327 19. अपभ्रंश का लाड़ला छन्द दोहा और उसकी काव्य यात्रा, डॉ. त्रिलोकीनाथ 'प्रेमी',
पृ. 23, अपभ्रंश भारती, अंक-8, अपभ्रंश साहित्य अकादमी, जयपुर।
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अपभ्रंश : एक परिचय
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