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________________ लुढ़की । 23. सदाचार प्रकट हुआ । 24. रूप खिला । 26. जंगल नष्ट हुआ । 27 उड़े | 30. कागज सूखे । जलीं । 34. व्यसन छूटे । सिर दुखा । 31. सुख बढ़े। 35 वस्त्र सूखे । 25. लकड़ी जली । 28. सत्य खिला । 29. विमान 32. राज्य फैले । 33. लकड़ियां 36. धागे टूटे । 37. गीत गूंजे । 38. खेत शोभे । 39. परीक्षा हुई । 40. बहिन रुकी। 41. झोंपड़ी शोभी । 45. यमुना फैली । । 49. पुत्रियां बैठीं । 42. शिक्षा फैली । 43. नदी सूखी । 44. बेटी सोयी । 46. पत्नी डरी। 47. पुत्री ठहरी । 48 प्रशंसा फैली 50. परीक्षाएं हुईं। 51. बहिनें रूकीं । 52. शिक्षाएं फैली । 53. बेटियाँ सोयीं । 54. पुत्रियां जागीं । 55. नदियां सूखीं । 56. अभिलाषाएं बढ़ीं । 57. झोंपड़ियां बसीं । 58. गुफाएं नष्ट हुईं। 59. मैं जागा । 60. वह ठहरा । 61. तुम प्रसन्न हुए । 62. मैं बैठी 1 63. तुम सोये | 64. वह हँसी । 65. मैं भागा 1 65. वह मुड़ा । 67. तुम उठे । 68. वह खेला । 69. हम सब जागे । 70. वे सब ठहरे। तुम सब प्रसन्न हुए। 72. हम दोनों बैठे । 73. तुम सब सोये 174. वे 77. तुम दोनों उठे । 71 सब कूदे | 75. हम दोनों भागे । 76. वे दोनों मुड़े । 78. वे सब खेले । उदाहरण राजा हंसा = नरिद / नरिदा /नरिदु/नरिदो हसिन / हसिना / ह सिउ / हसिनो | ( ग - 1 ) नीचे दी गई पुल्लिंग संज्ञाओं का ( कर्ता-रूप में) प्रथमा एकवचन या बहुवचन में प्रयोग कीजिए, कोष्ठक में दी गई क्रियाओं का भूतकालिक कृदन्त के रूप में प्रयोग कीजिए, मध्य में दी गई क्रियाश्रों में सम्बन्धक भूतकृदन्त अथवा हेत्वर्थक कृदन्त का कोई एक प्रत्यय लगाकर वाक्य बनाइये । सज्ञा एवं भूतकालिक कृदन्त रूपों के सभी विकल्प लिखिये - 1. कुक्कुर बुक्क ( अच्छ) 3. गंध 'जल ( नस्स) 5. पोत्त गच्च ( उट्ठ) 7. जर जागर ( डुल ) 9. दुह गल (नस्स ) अपभ्रंश अभ्यास सौरभ ] Jain Education International 2. पुत्तविह (कंद) 4. मित्त हरिस (जीव ) 6. रयपड ( तुट्ट) 8. करह थक्क ( णच्च ) 10. वय तुट्ट (गल ) For Private & Personal Use Only [ 81 www.jainelibrary.org
SR No.002697
Book TitleApbhramsa Abhyasa Saurabh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year1996
Total Pages290
LanguageHindi, Prakrit, Apbhramsa
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size8 MB
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