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________________ अभ्यास-16 (क) निम्नलिखित वाक्यों की अपभ्रंस में रचना कीजिए। संज्ञा, क्रिया एवं कृदन्त. रूपों के सभी विकल्प लिखिए1. माताएँ प्रसन्न होती हैं । 2. शिक्षाएं फलेंगी। 3. बहिनें छीजती हैं । 4. अभिलाषाएं शान्त होंगी।। 5. बेटियां प्रसन्न होवें। 6. गुफाएं नष्ट होंगी। 7 पत्नियां डरती हैं। 8. परीक्षाएं होंगी। 9. स्त्रियां उत्साहित होवें । 10. कन्याएं देर करेंगी। 11. पुत्रियां खांसती हैं। 12. स्त्रियां तप करें। 13. खड्डे बढ़ते हैं । 14. पुत्रियां बमन करती हैं। 15. बेटियां बाल उखाड़ेंगी। 16. ननदें नीचे पाती हैं। 17. पुत्रियां सांस लेवें। 18. माताएं बैठती हैं । 19. वारिणयां सिद्ध होती हैं । 20. झोंपड़ियां शोमती हैं। 21. परीक्षाएं होती हैं। 22. पुत्रियां बैठती हैं। 23. नदियां सूखती हैं। 24. महिलाएं प्रयत्न करती हैं। 25. वाणियां प्रकट हों। 26. बहिनें ठहरेंगी। 27. पुत्रियां क्रीड़ाकर प्रसन्न होंगी। 28. बहिनें खेलने के लिए झगड़ती हैं । 29. कन्याएं भागकर थकती हैं। 30. माताएं प्रसन्न होकर जीवें। 31. स्त्रियां थककर सोवें । 32. पुत्रियां नाचकर थकेंगी। 33. बहिनें शान्त होकर बैठे। 34. बेटियां प्रसन्न होकर ठहरेंगी। 35. शिक्षाएं बढ़कर फैलें। 36. कन्याएं उरकर नीचे आती हैं । 37. बेटियां बाल उखाड़कर रोती हैं। 38. माताएं वमन करके शान्त होती हैं । 39. पत्नियां सोने के लिए ठहरें। 40. स्त्रियां उत्साहित होकर प्रयत्न करें। 41. तृष्णाएं घटकर शान्त होवें। 42 पुत्रियां डरकर सोती हैं। 43. ननदें घूमने के लिए उठेगी। 44. पुत्रियां रुककर बैठे। 45. कन्याएं रोकर देर करती हैं। 46. बहिनें खांसकर वमन करती हैं। 47. पुत्रियां सोने के लिए रोती हैं । 48. माताएं जीने के लिए प्रयत्न करें। 49. पुत्रियां खेलने के लिये खुश होवेंगी। 50. कन्याएं नाचकर थकती हैं। 51. माताएं शान्त होकर बैठे। 52. बहिनें सोकर उठें। 53. ननदें थकने के लिए घूमें । 54. बहिनें जागने के लिए प्रयास करें। 55. कन्याएं सोने के लिए उठेंगी। 56. पुत्रियां नाचने के लिए प्रयास करती हैं । 57. बहिने खुश होकर घूमेंगी । नोट- इस अभ्यास-16 को हल करने के लिए 'अपभ्रंश रचना सौरभ' के पाठ 39 का अध्ययन करें। ___ 66 ] [ अपभ्रंश अभ्यास सौरम Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002697
Book TitleApbhramsa Abhyasa Saurabh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year1996
Total Pages290
LanguageHindi, Prakrit, Apbhramsa
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size8 MB
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