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अभ्यास-13 (क) निम्नलिखित वाक्यों को अपभ्रंश में रचना कीजिए। प्रकारान्त नपुंसकलिंग
संज्ञारूपों, क्रिया एवं कृदन्तरूपों के सभी विकल्प लिखिए1. धन बढ़ता है। 2. धान उगेगा। 3. मद्य छूटे। 4. शासन फलेगा। 5. व्यसन नष्ट होवे । 6. गठरी लुढ़कती है। 7. सुख बढ़े। 8. दूध टपकेगा । 9. दुःख घटे । 10. राज्य प्रयत्न करें। 11. यौवन खिलता है। 12. सदाचार शोभे । 13 आकाश गंजता है। 14. वैराग्य • बढ़े। 15. नागरिक सोयेगा। 16. विमान उड़े। 17. कागज सूखता है । 18. छींक कम होती है । 19. राज्य भूल करता है। 20. सत्य खिले । 21. लकड़ी जलेगी। 22. पानी टपके । 23. गीत गूंजे । 24. जुना छूटे । 25. घास उगती है। 26. पानी टपकता है । 27. भोजन कम होवे । 28. भय नष्ट होवे । 29. रक्त टपकता है। 30. मरण सिद्ध होता है । 31. खेत जलता है । 32. वस्त्र सूखेगा । 33. काठ जलती है । 34. भोजन बढ़ेगा। 35. घी तपे। 36. सिर दुखता है। 37. धान उगे । 38. जंगल नष्ट होता है। 39. सदाचार शोभता है। 40. वस्त्र जलेगा। 41. पानी टपकेगा। 42. रूप खिलकर प्रकट होता है। 43. धागा गलकर टूटता है। 44. नागरिक जागने के लिए प्रयत्न करे। 45. विमान ठहरकर उड़ेगा। 46. राज्य फैलने के लिए झगड़ा करता है। 47. नागरिक ठहरकर उपस्थित होगा। 48. गीत गूंजकर प्रकट होवेगा। 49. नागरिक कूदने के लिए प्रयास करें। 50. मन लालच करने के लिए क्रीड़ा करता है । 51. शासन प्रयत्न करने के लिए उत्साहित होता है। 52. ज्ञान बढ़कर प्रकट होवे। 53. नागरिक जागने के लिए प्रयत्न करेगा। 54. घान उगकर बढ़ता है। 55. मन खेलने के लिए रमे। 56. धन झगड़ने के लिए होता है। 57. धागा टूटकर नष्ट होवेगा। 58. दूध टपककर फैलता है। 59. कर्ज घटकर नष्ट होता है। 60. नागरिक प्रसन्न होने के लिए खेलता है ।
उदाहरणधन बढ़ता है=धण/धरणा/घणु वड्ढइ/वड्ढेइ/वड्ढए ।
नोट-इस अभ्यास-13 को हल करने के लिए 'अपभ्रंश रचना सौरभ' के पाठ 33
34 का अध्ययन करें।
अपभ्रंश अभ्यास सौरभ ]
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