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________________ अभ्यास-12 (क) निम्नलिखित वाक्यों की अपभ्रंश में रचना कीजिए । संज्ञा, कृदन्त एवं क्रिया-रूपों के सभी विकल्प लिखिए1. कुत्ते भोंकते हैं। 2. ऊंट नाचते हैं । 3. पुत्र प्रसन्न होवें। 4. मनुष्य बूढ़े होते हैं। 5. समुद्र सूखेगे। 6. मेघ गरजते हैं। 7. राक्षस मरें। 8. वस्त्र सूखते हैं। 9 शास्त्र शोभे । 10. मित्र खुश होवेंगे। 11. रत्न शोभते हैं। 12. सिंह बैठेंगे । 13. मकान गिरते हैं। 14. पोते घूमें। 15. बालक रूसेंगे। 16. शास्त्र नष्ट होते हैं । 17. पुस्तकें गिरती हैं। 18. कुएँ सूखेंगे। 19. राजा हंसते हैं । 20. व्रत शोभते हैं । 21. राक्षस डरते हैं । 22. दुःख गलें । 23. पुत्र जीवें। 24. सर्प उड़ेंगे। 25. मामा उठे। 26. राक्षस मूच्छित होंगे । 27. मनुष्य प्रयास करें। 28. बालक रोते हैं । 29. नरेश प्रसन्न हों: 30. मेघ फैलेंगे। 31. मकान जलेंगे । 32. पुस्तकें नष्ट होवेंगी। 33. पुत्र कांपते हैं । 34. व्रत टूटते हैं। 35. राक्षस भागेंगे । 36. कुत्ते लड़ते हैं । 37 राजा मूच्छित होते हैं । 38. बालक कूदते हैं। 39. पोते उछलें। 40. मनुष्य लड़ते हैं । 41. बालक सोने के लिए रोते हैं। 42. मामा प्रसन्न होकर बैठें। 43. सांप उड़कर गिरेंगे। 44. पुत्र कलह करके शरमाएंगे। 45. पोते नाचने के लिए उठे । 46. ऊँट नाचकर थकेंगे। 47. रत्न गिरकर टूटते हैं। 48. घर जलकर गिरेंगे। 49. कुत्ते भोंककर लड़ते हैं। 50. राक्षस मरने के लिए कूदेंगे। 51. पुत्र प्रसन्न होकर जीवें । 52. मनुष्य पैदा होकर मरते हैं। 53. बालक उछलकर कूदें। 54. पोते नाचने के लिए प्रयास करें। 55. राजा प्रसन्न होकर बैठे। 56. राक्षस मूच्छित होकर मरेंगे। 57 बालक मागकर खेलें। 58. पूत्र नाचकर थकते हैं। उदाहरणकुत्ते मोंकते हैं =कुक्कुर कुवकुरा बुक्कहिं बुक्क न्ति/बुक्कन्ते। बुविकरे । नोट-इस अभ्यास-12 को हल करने के लिए 'अपभ्रंश रचना सौरभ' के पाठ 31 का अध्ययन करें। ___46 ] [ अपभ्रंश अभ्यास सौरम Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002697
Book TitleApbhramsa Abhyasa Saurabh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year1996
Total Pages290
LanguageHindi, Prakrit, Apbhramsa
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size8 MB
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