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(ग-2) निम्नलिखित क्रियाओं में से किसी एक में सम्बन्धक भूतकृदन्त (पूर्वकालिक
क्रिया) या हेत्वर्थक कृदन्त के प्रत्ययों का प्रयोग कीजिए तथा दूसरी क्रिया में सर्वनाम के अनुरूप विधि एवं प्राज्ञा के प्रत्यय लगाकर वाक्य बनाइए। सभी विकल्प लिखिए1. सो (खेल, उज्जम)
2. तुहुँ (ठा, अच्छ) 3. हउं (खेल, सय)
4. ता (उल्लस, जीव) 5. ते (कुल्ल, उज्जम)
6. ते (जग्ग, उज्जम) 7. तुम्हइं (हा, सय)
8. तुहं (उट्ठ, जग्ग) 9. सा (अच्छ, खेल)
10. तुम्हे (हस, खेल)
उदाहरणसो उज्जमि/उज्जमिउ/उज्जमवि/उज्जमिवि/उज्जमेवि/उज्जमेविणु/उज्जमेप्यि/ उज्जमेप्पिण खलउ/खेलेउ।
(ग-3) निम्नलिखित क्रियानों में से किसी एक में सम्बन्धक भूतकृदन्त (पूर्वकालिक
क्रिया) या हेत्वर्थक कृदन्त के प्रत्ययों का प्रयोग कीजिए तथा दूसरी क्रिया में सर्वनाम के अनुरूप भविष्यत्काल के प्रत्यय लगाकर वाक्य बनाइए। सभी विकल्पों का प्रयोग कीजिए1. ते (उच्छल, उज्जम) 2. हउं (खेल, उल्लस) 3. अम्हे (उल्लस, घुम) 4. सा (णच्च, लज्ज) 5. तुहुं (उच्छल, कुल्ल) 6. ता (सय, उट्ठ) 7. तुम्हइं (हा, सय) 8 हउं (हस, जीव) 9. सो (मुच्छ, मर)
10. सा (उल्लस, णच्च)
उदाहरण - ते उच्छलि/उच्छलिउ/उच्छलवि/उच्छलिवि/उच्छलेवि/उच्छले विण/उच्छले प्पि/
उच्छलेप्पिणु उज्जमेसहि/उज्जमेसन्ति/उज्जमिहिहिं/उज्जमिहिन्ति ।
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अपभ्रंश अभ्यास सौरभ ]
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