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निम्नलिखित हेत्वर्थक कृदन्तों का प्रयोग करते हुए अपभ्रंश में वाक्य बनाइये । इच्छानुसार पुरुषवाचक सर्वनाम का प्रयोग करते हुए उसके अनुरूप कोष्ठकों में दी हुई क्रियानों के निर्देशानुसार कालों में सभी विकल्प लिखिये –
1. खेलण (रूस) वर्तमानकाल
3. थक्के (घुम) भविष्यत्काल 5. जग्गगह (उज्जम) विधि एवं प्राज्ञा 7. उच्छलेवि (उज्जम) विधि एवं प्राज्ञा 9. जुज्त्रं (भिड ) वर्तमानकाल 11. घुमेविणु (उल्लस) भविष्यत्काल 13. णच्चणहं (उट्ठ) विधि एवं आज्ञा 15. कुल्लरण (ठा) विधि एवं आज्ञा 17. रुवेवि ( लुक्क ) वर्तमानकाल 19. गच्चेवं (लज्ज) भविष्यत्काल 21. हाएवं (च्छ) विधि एवं प्राज्ञा 23. लुक्केप्पि (उज्जम) भविष्यत्काल 25. जीवेपणु (उज्जम) भविष्यत्काल 27. थक्के त्रिणु (च्च) भविष्यत्काल 29. थक्के विणु (च्च) वर्तमानकाल
उदाहरण-
सो खेल रूसइ / रूसेइ / रूसए ।
( ग - 1 ) निम्नलिखित क्रियाओं में से
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किसी एक में हेत्वर्थक कृदन्त के प्रत्ययों का प्रयोग करते हुए दूसरी क्रिया में वर्तमानकाल के प्रत्यय लगाकर वाक्य बनाइये । कृदन्त एवं क्रिया के सभी विकल्प लिखिये -
1. अम्हे (उल्लस,
जीव )
2. ते ( कलह, भिड )
2. कलह रहि (अच्छ) वर्तमानकाल 4. उल्लसेवि (जीव ) वर्तमानकाल 6. मरण हि (कुल्ल ) वर्तमानकाल 8. उल्लसेपि (घुम) भविष्यत्काल 10. सप्पिणु ( उट्ठ) विधि एवं आज्ञा 12. पडण (कुल्ल) वर्तमानकाल 14. सयेवं ( रुव) वर्तमानकाल 16. जीवेपि ( उल्लस) भविष्यत्काल 18. सयेविणु (ठा) विधि एवं आज्ञा 20. उट्ठर हं (उज्जम) वर्तमानकाल 22. उल्लसह (खेल) विधि एवं प्रज्ञा 24. ठारण (प्रच्छ) विधि एवं आज्ञा 26. जुज्झेवि (उट्ठ) वर्तमानकाल 28. सुप्पि ( थक्क) विधि एवं आज्ञा 30. कुल्लेविणु ( उट्ठ) भविष्यत्काल
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[ अपभ्रंश अभ्यास सौरम
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