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अभ्यास-8 (क) निम्नलिखित वाक्यों की अपभ्रंश में रचना कीजिए । पुरुषवाचक सर्वनाम,
सम्बन्धक भूतकृदन्त (पूर्वकालिक क्रिया) एवं क्रियारूपों के सभी विकल्प लिखिए1. वह रोकर सोता है। 2. तुम उछलकर कूदो । 3. मैं खेलकर खुश होऊंगी। 4. वे कलह करके छिपते हैं। 5. वह नाचकर थकती है। 6 हम डरकर रोते हैं। 7.वे सब कांपकर मरते हैं। 8. तुम गिरकर उठते हो। 9. मैं हंसकर जीती हूँ। 10. वह छटपटाकर मरती है। 11. वे दोनों कूदकर मरती हैं । 12. तुम दोनों भिड़कर रोते हो । 13.वह शरमाकर नाचती है । 16. तुम घूमकर सोवो । 15. हम सब थककर सोयें। 16. वे प्रयास करके उछलेंगे। 17. मैं सोकर उलूंगी। 18. वह लड़कर गिरता है । 19. तुम सब खुश होकर खेलो। 20. वह रोकर मूच्छित होती है। 21. वे दोनों बैठकर उठेंगे। 22. मैं खुश होकर घूमंगी। 23. वह मूच्छित होकर मरती है। 24. तुम ठहरकर बैठो। 25. वे सब जीकर खुश होती हैं । 26. वह नहाकर सोवे । 27. तुम खुश होकर खेलो। 28. वह छिपकर रोती है। 29. तुम हँसकर जीवो। 30. वह प्रयासकर नाचता है।
उदाहरणवह रोकर सोता है =सो रुवि/रुविउ/रुविवि/रुववि/रुवेवि/रुवेविण रुवेप्पि/
रुवेप्पिणु सयइ/सयेइ/सयए ।
(ख) निम्नलिखित संबंधक भूतकृदन्तों का प्रयोग करते हुए अपभ्रंश में वाक्य बनाइए ।
इच्छानुसार पुरुषवाचक सर्वनाम का प्रयोग करते हुए उसके अनुरूप कोष्ठकों में दी हुई क्रियाओं के निर्देशानुसार कालों में सभी विकल्प लिखिए1. हसेप्पिणु (जीव) वर्तमान 2. उठेप्पि (खेल) विधि एवं प्राज्ञा 3. जुज्झि (मर) भविष्यत्काल 4. उच्छलिउ (कुल्ल) विधि एवं प्राज्ञा
नोट-इस अभ्यास-8 को हल करने के लिए 'अपभ्रंश रचना सौरभ' के पाठ
27 का अध्ययन करें ।
अपभ्रंश अभ्यास सौरम ]
[ 27
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