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________________ अभ्यास 7 (क) निम्नलिखित वाक्यों को अपभ्रंश में रचना कीजिए। पुरुषवाचक सर्वनामों एवं क्रियारूपों के सभी विकल्प लिखिए 1. मैं हँसू । 2. मैं कूदता है। 3. मैं प्रयास करूंगा। 4. तुम दोनों बैठो। 5. तुम सब काँपते हो। 6. तुम सब जीवोगे । 7. वह ठहरे। 8. वह नाचती है। 9. वह खुश होवेगा। 10. हम सब सोयें। 11. हम सब शरमाते हैं । 12. हम सब छिपेंगे। 13. तुम उछलो। 14. तुम छटपटाते हो । 15. तुम कलह करते हो। 16. वे सब उठे। 17. वे सब रोती हैं । 18. वे सब होवेंगे। 19. मैं खेलूं। 20. मैं नहाता हूँ। 21. मैं घूमूंगी। 22. तुम सब जागो। 23. तुम सब रूसते हो। 24. तुम सब मरोगे। 25. वह जागे । 26. वह डरती है। 27. वह थकेगा । 28. हम सब बैठे। 29. हम सब गिरते हैं। 30. हम सब मूच्छित होते हैं। 31. मैं हसंगी। 32. मैं कूदूं। 33. तुम सब बैठोगे । 34. वे सब कापते हैं। 35. वह जीवे । 36. तुम ठहरो । 37. वे सब नाचें। 38. तुम सब खुश होवो। 39. हम सब सोयेंगे। 40. वे सब शरमायेंगे। 41. मैं छिपूं। 42. वह तड़फड़ाता है। 43. वे दोनों कलह करते हैं। 44. तुम उठो। 45. वह रोती है । 46. हम सब होवेंगे। 47. तुम सब खेलो। 48. वे सब नहावें । 49. मैं घूमूं। 50. तुम जागते हो। 51. वह रूसती है। 52. वे दोनों मरते हैं। 53. मैं डरूंगी। 54. तुम सब थकते हो। 55. मैं बलूंगा। 56. वे सब गिरते हैं। 57. वह मूच्छित होती है। 58. तुम प्रयास करो । 59. वह नाचेगा । 60. हम दोनों प्रयास करेंगे। उदाहरणमैं हंसू=हउं हसमु/हसेमु । नोट-यह अभ्यास-7 हल करने के लिए 'अपभ्रंश रचना सौरभ' के पाठ 1 से 25 का अध्ययन करें। अपभ्रंश अभ्यास सौरम 1 [ 23 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002697
Book TitleApbhramsa Abhyasa Saurabh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year1996
Total Pages290
LanguageHindi, Prakrit, Apbhramsa
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size8 MB
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