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________________ अभ्यास- 23 (क) निम्नलिखित क्रियाओं के भाववाच्य बनाइए । उनमें तीनों कालों के अन्य पुरुष एकवचन के प्रत्यय लगाइए 1. हस 3. लुक्क 5. हरिस उदाहरण भाववाच्य हस हसिज्ज / हसिय 2. गच्च 4. गल 6. उल्लस वर्तमान हसिज्जइ / हसियइ हसिज्जए / हसियए अपभ्रंश अभ्यास सौरभ ] विवि हसिज्जर / हसियउ 1) निम्नलिखित वाक्यों की अपभ्रंश में रचना कीजिए । वाक्यों को बनाने के लिए संज्ञा व सर्वनाम में तृतीया एकवचन / बहुवचन का प्रयोग कीजिए । विभिन्न कालों को प्रकट करने के लिए क्रियानों में भाववाच्य के प्रत्यय लगाने के पश्चात् श्रन्यपुरुष एकवचन के प्रस्थय लगाइए Jain Education International 1. राजा के द्वारा हंसा जाता है । 2. कमल के द्वारा खिला जाता है। 3. बहिन के द्वारा जागा जाना हैं। 4. मेरे द्वारा नाचा जाता है । 5. तुम्हारे द्वारा कूदा जाता है । 6. उसके द्वारा उठा जाता है । 7. उस (स्त्री) के द्वारा प्रसन्न हुआ जाता है । 8. राजाओं द्वारा प्रसन्न हुआा जाता है । 9. कमलों द्वारा खिला जाता है । 10. बहिनों द्वारा जागा जाता है । 11. हमारे द्वारा नाचा जाता है । 12. तुम सब के द्वारा कूदा जाता है । 13. उनके द्वारा उठा जाता है । 14. उन (स्त्रियों) के द्वारा प्रसन्न हुआ जाता है । 15 पुत्र के द्वारा खेला जाए । 16. नागरिक द्वारा उपस्थित हुआ जाये । 17. माता द्वारा बैठा जाए । भविष्यत्काल हसेस इ / श्रादि नोट - इस अभ्यास- 23 को हल करने के लिए 'अपभ्रंश रचना सौरभ' के पाठ-46 का अध्ययन कीजिए । For Private & Personal Use Only [ 103 www.jainelibrary.org
SR No.002697
Book TitleApbhramsa Abhyasa Saurabh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year1996
Total Pages290
LanguageHindi, Prakrit, Apbhramsa
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size8 MB
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