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(ख) निम्नलिखित वाक्यों की अपभ्रंश में रचना कीजिए। इन वाक्यों को बनाने के
लिए संज्ञा व सर्वनाम में तृतीया एकवचन बहुवचन का, विधि के भावों को प्रकट करने के लिए विधि कृदन्त के परिवर्तनीय तथा अपरिवर्तनीय रूपों का प्रयोग कीजिए1. राजा के द्वारा हंसा जाना चाहिए। 2. मित्र के द्वारा प्रसन्न हुअा जाना चाहिए। 3. पुत्र द्वारा सोया जाना चाहिए। 4. राजाओं के द्वारा हंसा जाना चाहिए। 5. मित्रों द्वारा प्रसन्न हुअा जाना चाहिए। 6. पुत्रों के द्वारा सोया जाना चाहिए । 7. राज्य द्वारा लड़ा जाना चाहिए। 8. विमान द्वारा उड़ा जाना चाहिए । 9. राज्यों द्वारा लड़ा जाना चाहिए। 10. विमानों द्वारा उड़ा जाना चाहिए। 11. माता द्वारा खुश हुआ जाना चाहिए। 12. कन्या द्वारा छिपा जाना चाहिए। 13. माताओं द्वारा खुश हुआ जाना चाहिए । 14. कन्याओं द्वारा छिपा जाना चाहिए । 15. उसके द्वारा खेला जाना चाहिए। 16. तुम्हारे द्वारा हंसा जाना चाहिए । 17 मेरे द्वारा प्रयत्न किया जाना चाहिए । 18. उसके (स्त्री) द्वारा नाचा जाना चाहिए। 19. हमारे द्वारा प्रयत्न किया जाना चाहिए । 20. उन सब के द्वारा प्रसन्न हुअा जाना चाहिए।
उदाहरणराजा द्वारा हंसा जाना चाहिएनरिंदें/नरिदेण/नारदेणं (क) हसिप्रव/हसिसव्वा हसिप्रव्धु
हसे प्रव/हसेग्रव्वा/हसेप्रध्वु ।
(परिवर्तनीय रूप) (ख) हसिएवउं/हसेन्वउं/हसेवा ।
(अपरिवर्तनीय रूप)
(ग) नीचे संज्ञा-सर्वनाम तथा कोष्ठक में क्रियाएं दी गई हैं। क्रियानों में विधि
कृदन्त के परिवर्तनीय और अपरिवर्तनीय रूपों का प्रयोग करते हुए वाक्य बनाइए1. नरिद (हस)
2. कमल (विग्रस) 3. ससा (जग्ग)
4. अम्ह (लुक्क) 5. पोत्त (कुल्ल)
6. विमाण (उड्ड)
अपभ्रंश अभ्यास सौरभ ]
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