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क.सं.
9
28. 29.
31.
पृ सं.
पक्ति सं. अशुद्ध परिशिष्ट 1(v)
सुणउ परिशिष्ट 1(v) __ 10 महुरइ परिशिष्ट 2 (x) 7 अप परिशिष्ट 2 (xvii)
गाइएव्वउ परिशिष्ट 2 (xxiv) 11 तोड == गिरना परिशिष्ट 2 (xxix) 19 पसरिएव्वउ परिशिष्ट 2 (xxxvi) 13 वंदिउउ परिशिष्ट 2 (xxxvii) 9 लहेएव्वउं परिशिष्ट 2 (xli) 18 होमा
22
सुणउं महुरई अप्प गाइएव्वउं तोडतोड़ना पसरिएन्वउं वंदिउ लुहेव्वउं होमाण
33.
34.
35.
36.
प्रौढ अपभ्रंश रचना सौरभ ]
[
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