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प्रौढ अपभ्रंश रचना सौरभ ]
[ xlix
सूत्र सं सूत्र
22.
23.
24.
25.
ङोहि [(ङ) + (हि)]
क्लोबे जस्-शोर [(जस् ) – (शसोः)+(इं)]
कान्तस्यात उं स्यमोः [(*)+(grazu)+(na:)+(3)] [(fa)+(unt:)]
स्यादौ दीर्घ ह्रस्वो [(सि) + (प्रादी)]
सन्धि-नियम
10
10
4, 11, 1
सूत्र - शब्द
ङ :
क्लोबे
जस्
शसो:
hor
क
अन्तस्य
अतः
»
सि
अमो:
सि
प्रादौ
दीर्घ
ह्रस्वो
मूलशब्द, विभक्ति
(fs) 6/1
(हि) 1/1
(ata) 7/1
(जस्)
(शस्) 6/2
(इं) 1/1
(क)
( अन्त) 6 / 1
(अत्) 5/1
(उं) 1/1
(सि)
(अम्) 6/2
(सि)
(आदि) 7/1
(दीर्घ)
(ह्रस्व) 1/2
शब्दानुसरण
हरि
परम्परानुसरण
राम
भूभृत्
परम्परानुसरण
राम
भूभृत्
परम्परानुसरण
भूभृत्
हरि
राम