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(क) पुल्लिग शब्द- देव, हरि, गामणी, साहु, सयंभू । (ख) नपुंसकलिंग शब्द-कमल, वारि, महु।। (ग) स्त्रीलिंग शब्द-कहा, मइ, लच्छी, घेणु, बहू ।
(5) सूत्रों के आधार से उपर्युक्त तेरह प्रकार के शब्दों के रूप बना लेने चाहिए ।
सूत्रों को समझाते समय कुछ गणितीय चिह्नों का प्रयोग किया गया है जिन्हें-संकेत सूची में समझाया गया है ।
1. हरि शब्द
एकवचन
द्विवचन
प्रथमा द्वितीया
चतुर्थी पंचमी षष्ठी सप्तमी संबोधन
हरिः हरिम् हरिगा हरये हरे: हरेः हरौ हे हरे
हरी हरी हरिभ्याम् हरिभ्याम् हरिभ्याम् होः
बहुवचन हरयः हरीन् हरिभिः हरिभ्यः हरिभ्यः हरीणाम् हरिषु हे हरयः
होः
2. भूभत् शब्द
एकवचन
भूभृत्
भूभृतम्
भूमृता
भूभृते
प्रथमा द्वितीया तृतीया चतुर्थी पंचमी षष्ठी सप्तमी संबोधन
द्विवचन भूभृतौ भूभृतौ भूभृद्भ्याम् भूभृद्भ्याम् भूभृद्भ्याम् भूभृतोः भूभृतोः हे भूभृतौ
बहुवचन भूभृतः भूभृतः भूभृद्भिः भूभृद्भ्यः भूभृद्भ्यः भूभृताम् भूभृत्सु हे भूभृतः
भूभृतः भूभृतः
भूभृति
हे भूभृत्
प्रौढ अपभ्रंश रचना सौरभ ।
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