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क्र.
1.
2.
3.
4.
5. प्रकृतिबंध
6.
7.
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10.
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12.
13.
14.
विषय
ग्रन्थकार का परिचय
मंगलाचरण
कर्मों के भेद - प्रभेद
कर्मों की पृथक्-पृथक् परिभाषायें
विषयानुक्रमणिका
बन्ध - अबंध एवं बंध व्युच्छित्ति सारणी
स्थिति बंध
मूल- उत्तर प्रकृतियों की उत्कृष्ट
और जघन्यस्थिति सारणी
अनुभाग बंध
प्रदेश बंध
उदय, अनुदय एवं उदय व्युच्छित्ति सारणी
कर्म क्षपणा विधि
सत्त्व असत्त्व एवं सत्त्वत्युच्छित्ति सारणी
अंतिम मंगलाचरण
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पृष्ठ संख्या
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