________________
47. पियरेण बन्धवेहि य, सामन्तसएसु परिमिया सन्ता।
रायभवणाउ एत्तो, विणिग्गया सुरकुमार व्व॥
48.
सुयसोगतावियाओ, धरणियलोसित्तअंसुनिवहाओ। कह कह वि पणमिऊणं, नियत्तियाओ य जणणीओ।।
49. काऊण सिरपणामं, नियत्तिओ दसरहो य रामेणं ।
सहवड्डिया य बन्धू, कलुणपलावं च कुणमाणा॥
50. जंपन्ति एक्कमेक्कं, एस पुरी जइ वि जणवयाइण्णा।
जाया रामविओए, दीसइ विझाडवी चेव॥
51. लोगो वि उस्सुयमणो, जंपइ धन्ना इमा जणयधूया।
जा वच्चइ परदेसं, रामेण समं महामहिला।
52. नयणजलसित्तगत्तं, पेच्छय जणणिं इमं पमोत्तूणं ।
चलिओ रामेण सम, एसो च्चिय लक्खणकुमारो॥
53. तेसु कुमारेसु समं, सामन्तजणेण वच्चमाणेणं।
सुन्ना साएयपुरी, जाया छणवज्जिया तइया॥
54. न नियत्तइ नयरजणो, धाडिज्जन्तो वि दण्डपुरिसेहिं।
ताव य दिवसवसाणे, सूरो अत्थं समल्लीणो।
55. नयरीएँ मज्झयारे, दिलु चिय जिणहरं मणभिरामं।
हरिसियरोमञ्चइया, तत्थ पविट्ठा परमतुट्ठा।
प्राकृत गद्य-पद्य सौरभ
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org