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छिज्जउ सीसं अह होउ बंधणं चयउ सव्वहा लच्छी । पडिवन्नपालणे सुपुरिसाण जं होइ तं होउ ॥
कीरइ समुद्दतरणं पविसिज्जइ हुयवहम्मि पज्जलिए । आयामिज्जइ मरणं नत्थि दुलंघं सिणेहस्स ॥
एक्काइ नवरि नेहो पयासिओ तिहुयणम्मि जोन्हाए । जा झिज्जइ झीणे ससहरम्मि वड्ढेइ वडुंते ॥
झिज्जर झीणम्मि सया वड्डइ वİतयम्मि सविसेसं । सायरससीण छज्जइ जयम्मि पडिवन्नणिव्वहणं ॥
पडिवन्नं जेण समं पुव्वणिओएण होइ जीवस्स । दूरट्ठिओ न दूरे जह चंदो कुमुयसंडाणं ॥
दूरट्टिया न दूरे सज्जणचित्ताण पुव्वमिलियाणं । गयणट्ठिओ वि चंदो आसासइ कुमुयसंडाई ॥
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प्राकृत गद्य-पद्य सौरभ
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